scorecardresearch
 

दावोस: IMF के अनुमान घटाने के बावजूद कॉरपोरेट जगत को भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमान को घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. लेकिन स्व‍िट्जरलैंड के शहर दावोस में विश्व आर्थ‍िक मंच (WEF) की बैठक में जुटे भारत के कारोबार जगत के दिग्गजों को लॉन्ग टर्म में भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी पर भरोसा है.

Advertisement
X
दावोस में जुटे कॉरपोरेट दिग्गजों को अर्थव्यवस्था में सुधार का भरोसा (फोटो: इंडिया टुडे )
दावोस में जुटे कॉरपोरेट दिग्गजों को अर्थव्यवस्था में सुधार का भरोसा (फोटो: इंडिया टुडे )

  • IMF ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है
  • IMF ने कहा कि भारत की वजह से दुनिया की ग्रोथ घटेगी
  • दावोस में जुटे इंडिया इंक के दिग्गजों ने कहा कि सुधार जरूरी है
  • कॉरपोरेट जगत को लॉन्ग टर्म में देश की तरक्की पर भरोसा है

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट ने इस साल पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है. आईएमएफ के इस बयान पर भारत के कारोबार जगत के दिग्गजों ने कहा है कि मीडियम और लॉन्ग टर्म के आउटलुक पर ध्यान देना होगा. कारोबार जगत के दिग्गजों ने कहा कि उन्हें लाॅन्ग टर्म में अर्थव्यवस्था पर भरोसा है, लेकिन अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए आर्थिक और नीतिगत सुधार तेज करना होगा.

क्या कहा था आईएमएफ ने

Advertisement

IMF ने भारत के भी ग्रोथ अनुमान को इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. आईएमएफ का कहना है कि भारत के गिरते जीडीपी ग्रोथ रेट की वजह से ग्लोबल ग्रोथ में कमी आ रही है. स्व‍िट्जरलैंड के शहर में दावोस में चल रहे विश्व आर्थ‍िक मंच (WEF) की 50वीं सालाना बैठक के दौरान कारोबार एवं उद्योग जगत के कई दिग्गजों ने इस मसले पर इंडिया टुडे से बात की.

दिग्गजों ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि WEF में भारत 'वन नेशन वन टीम' की तरह अपने को पेश नहीं कर पा रहा.यह सवाल असल में राज्यों और केंद्र के प्रतिनिध‍ियों के अलग-अलग जाने की वजह से उठा है.

 इन दिग्गजों में टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी,सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, किर्लोस्कर सिस्टम्स के सीएमडी विक्रम किर्लोस्कर और सेरम्स के सीईओ अदर पूनावाला शामिल थे.

आगे क्या करना है इस पर जोर हो

सीपी गुरनानी ने कहा कि यह वास्तव में बहुत असामान्य बात है कि जो ग्रोथ रेट कभी 8-10 फीसदी हुआ करता था, वह अब 4-5 फीसदी के लेवल पर आ चुका है और इसका वैश्विक तरक्की पर असर पड़ रहा है. इसलिए अब जोर इस बात पर होना चाहिए कि आगे क्या कदम उठाया जाए.उन्होंने कहा, 'ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि इस समय हम क्या कर रहे हैं, बल्कि मध्यम और लॉन्ग टर्म में क्या आउटलुक है.' 

Advertisement

ऑटो इंडस्ट्री के बुरे दिन बीते!

भारत की विकास दर के बारे में चल रही चर्चा के बारे में जब विक्रम किर्लोस्कर से हमने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि भारत अब कुछ हद तक संरचनात्मक बदलावों से गुजर रहा है. उन्होंने कहा, 'लोग अब ज्यादा प्रतिस्पर्धी उत्पादों की तलाश कर रहे हैं जो ज्यादा किफायती हो.'  ऑटोमोबाइल सेक्टर की सुस्ती के बारे में किर्लोस्कर ने कहा कि अब यह इंडस्ट्री सुधार के रास्ते पर है. उन्होंने कहा, 'मैं अगली दो-तीन तिमाहियों में ऑटो बाजार के लिए काफी आशावाद देखता हूं.'

न्यायिक सुधार क्यों जरूरी है

नीतिगत माहौल पर गुरनानी ने कहा कि आज हर कोई भारत में कारोबार करना चाहता है. अब वैश्विक फर्म भारत में अपना विस्तार करना चाहते हैं, लेकिन भारत में न्यायिक सुधार की कमी को लेकर उनकी चिंता है. उन्होंने सत्यम के कानूनी विवाद का हवाला दिया जो अभी तक लंबित है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह मामला निबट चुका है.

उन्होंने कहा, 'हमें सत्यम के मामले में विरासत में 60अंतरराष्ट्रीय कानूनी विवाद और 40 घरेलू मामले मिले थे. 18 महीने के भीतर संभी अंतरराष्ट्रीय विवाद सुलझा लिए गए, जबकि एक दशक बीत जाने के बाद भी अभी तक भारत में कोई बड़ा मामला सुलझ नहीं पाया है.'

Advertisement

टेलीकॉम कंपनियों पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक सुधार इस साल प्राथमिकता होनी चाहिए. गौरतलब है कि टेलीकॉम सेक्टर को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उन्हें 23 जनवरी तक करीब 93,000 करोड़ रुपये का बकाया समायोजित सकल राजस्व (AGR) जमा करने को कहा है और कोर्ट ने कंपनियों की पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया.

एक देश एक टीम क्यों नहीं

कारोबार जगत के दिग्गजों ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि WEF में भारत 'वन नेशन वन टीम' की तरह अपने को पेश नहीं कर पा रहा. केंद्र और राज्य के प्रतिनिधि अलग-अलग दिख रहे हैं. भारत से दावोस पहुंचने वाले प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के दो और बीजेपी के एक मुख्यमंत्री शामिल हैं. केंद्र सरकार से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और जहाजरानी, रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया शामिल हैं.

कंफडेरशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'भारत की कहानी वास्तव में राज्यों की कहानी है. मैं इस बात से सहमत हूं कि हमें एक साथ आना चाहिए. इससे भारत की एक मजबूत छवि पेश होती.

Advertisement
Advertisement