गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल ने शुक्रवार को 211 आइटम्स पर टैक्स स्लैब में कमी कर दी है. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा रेस्टोरेंट में खाने पर टैक्स में कटौती को लेकर है. अब रेस्टोरेंट में 18 की जगह 5 पर्सेंट टैक्स लगेगा. दरअसल कांउसिल का कहना है कि रेस्टोरेंट इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का बेनिफिट कस्टमर्स को नहीं दे रहे थे. इस लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस ले लिया गया है. वहीं, रेस्तरां मालिक काउंसिल के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं.
10% तक बढ़ सकते हैं मैन्यू प्राइस
इनपुट टैक्स क्रेडिट के वापस लेने से नाराज कई रेस्टोरेंट के मालिक मैन्यू प्राइस में 10 प्रतिशत तक का इजाफा करने का प्लान कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो कस्टमर्स को जीएसटी के घटे स्लैब का फायदा नहीं मिल पाएगा. हालांकि जब तक ऐसा रोस्टोरेंट मालिक ऐसा निर्णय नहीं लेते, तब तक के लिए कस्टमर्स को इसका फायदा मिलेगा.
कैसे मिलेगा फायदा
अभी तक नॉन एसी रेस्टोरेंट्स में खाने पर 12% और एसी रेसटोरेंट्स में खाने में 18% का जीएसटी देना होता था. सरकार ने इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस ले लिया. ऐसे में अब एसी या नॉन एसी रेस्टोरेंट में खाने पर 5% जीएसटी देना होगा.
क्या है जीएसटी काउंसिल
जीएसटी काउंसिल गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स के रिव्यू के लिए बनाया गया है। इसमें केंद्र और राज्य के रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं। ये काउंसिल जीएसटी के होने वाले सुधार और दिक्कतों पर चर्चा करती है.
178 उत्पादों पर टैक्स कम किया
वित्त मंत्री ने बताया कि 228 उत्पादों में से 178 में टैक्स दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है. डिटर्जेंट, मार्बल फ्लोरिंग और टॉयलेट के कुछ सामानों पर जीएसटी दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत की गई है. मार्बल समेत कुछ उत्पादों को 28 से 12 प्रतिशत के दायरे में लाया गया है. 13 उत्पादों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं 6 उत्पादों को 18 से सीधे 5 फीसदी पर लाया गया है. 8 उत्पादों पर 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि 6 उत्पादों को जीएसटी फ्री कर दिया गया है.
15 नवंबर से नया टैक्स स्लैब
नई टैक्स दरें 15 नवंबर से प्रभावी होंगी. जेटली ने भी माना कि जिन वस्तुओं को 28 से 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में लाया गया है, वे पहले ही उसी स्लैब में होनी चाहिए थी. जीएसटी की नई दरों से सरकार को तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपये का घाटा होगा.