जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स) लागू हुए सौ दिन हो चुके हैं. इस बीच डाबर और गोदरेज कंज्यूमर जैसी रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियों ने मांग बढ़ने की बात कही है.
कंपनियों ने इसका हवाला देते हुए उम्मीद जाहिर की है कि जीएसटी के कारण पड़े प्रतिकूल असर में तीसरी तिमाही के अंत तक पूरी तरह सुधार आ जाएगा.
जीएसटी लागू होने के बाद आपूर्ति चेन के सहयोगियों ने भंडार खाली कर दिए थे. इससे अधिकतर एफएमसीजी कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं.
डाबर इंडिया और गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड ने कहा कि उन्होंने बदलाव के मुताबिक खुद को ढाल लिया है और इस तिमाही तक स्थिति पूरी तरह सुधर जाने की उम्मीद कर रहे हैं.
डाबर इंडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी ललित मलिक ने बताया, ‘‘जीएसटी लागू होने के बाद स्थिरता लौटने और सुधार के संकेत देती बाजार धारणा के कारण हमें उम्मीद है कि ग्रामीण तथा शहरी दोनों बाजारों में मांग का परिदृश्य भी बेहतर होगा.’’
गोदरेज कंज्यूमर्स के कारोबार प्रमुख (भारत एवं सार्क) सुनील कटारिया ने इसी तरह की संभावना जाहिर करते हुए कहा, ‘‘जून में बड़े स्तर पर खाली किये गये भंडार फिर से भरे जाने लगे हैं. इससे हमें स्पष्ट सुधार दिख रहा है.’’
उन्होंने आगे कहा कि थोक बाजार को बदलाव के अनुकूल होने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगा. खुदरा बाजार में तेजी से सुधार हुआ और जुलाई-अगस्त के दौरान यह काफी सामान्य रहा. सुधार के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘तीसरी तिमाही के अंत तक हमें थोक बाजार में पूर्ण सुधार दिखेगा. हम आने वाली तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन के लिए आशान्वित हैं.