देश का पर्यटन सेक्टर अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से 2010 से 2012 के बीच के पर्यटन विकास दर के जो आंकड़े संसद में पेश किए गए, उससे ये चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है.
देश में 2010 में विदेशी सैलानियों के देश में आने की वृद्धि दर जहां 24.6 फीसदी थी, वहीं 2011 में यह घटकर 8.9 फीसदी और 2012 में महज 6.3 फीसदी रह गई. इस तरह देखा जाए, तो दो साल में विदेशी सैलानियों की वृद्धि दर घटकर एक चौथाई रह गई है.
पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक 2012 में देश में 2 करोड़ विदेशी सैलानी आए. वहीं 2012 में देश को पर्यटन से 94,487 करोड़ रु. की आय हुई. देश में पर्यटन की हालत 2013 में भी पतली ही बनी हुई है. देश में इस साल पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय की वृद्धि की दर का लक्ष्य 21.5 फीसदी रखा गया था, लेकिन अक्टूबर तक महज 12.5 फीसदी ही ग्रोथ रेट देखी गई.