इंडियन नेवी की जल्द ही ताकत बढ़ने वाली है. नौसेना में 111 नए बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टरों को शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्र सरकार ने इसके निर्माण के लिए चार भारतीय कंपनियों का चयन किया है. हालांकि रक्षा क्षेत्र से जुड़ीं कुल आठ भारतीय कंपनियां इस दौड़ में शामिल थीं.
25 हजार करोड़ रुपये का सौदा
मिल रही जानकारी के मुताबिक इन 111 हेलिकॉप्टरों के निर्माण के लिए 25 हजार करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. इस प्रोजेक्ट के लिए जिन चार भारतीय कंपनियों का चयन हुआ है, उसमें टाटा एडवांस सिस्टम, अदानी डिफेंस, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम और भारत फोर्ज है. पीएम मोदी के 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत ये कंपनियां विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर देश में हेलिकॉप्टर का निर्माण करेंगी.
विदेशी कंपनियों की मदद से निर्माण
एएनआई मुताबिक ये चारों भारतीय कंपनियां अब हेलिकॉप्टर के पार्ट्स बनाने वाली विदेशी कंपनियों से संपर्क करेंगी. भारत को यह हेलिकॉप्टर बनाने में यूरोपीयन एयरबस हेलिकॉप्टर्स समेत कई विदेशी कंपनियां मदद करेंगी. प्लान के मुताबिक 111 हेलिकॉप्टर में से 16 विदेश से बनकर भारत भेजे जाएंगे, जबकि बाकी के 95 हेलिकॉप्टर भारत में बनाए जाएंगे. भारत में विदेशी कंपनियों की मदद से हेलिकॉप्टर का निर्माण होगा.
बढ़ेगी नौसेना की ताकत
बता दें, पिछले साल तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 25 अगस्त को हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इन हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी गई थी. इन हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल खोज और बचाव अभियानों, समुद्री अभियानों, साजो-सामान को लाने-ले जाने और टारपीडो गिराने में किया जाएगा.
चीन से मुकाबला
गौरतलब है कि चीन के साथ खाई को पाटने की कोशिश में भारत अपनी सेना के आधुनिकीकरण की कोशिशों में जुटा है. ये बहुउद्देश्यीय हेलिकॉप्टर नौसेना में पुराने चेतक हेलिकॉप्टर की जगह लेंगे. इन हेलिकॉप्टरों को बनाने वाली विदेशी मूल की कंपनियों को हेलिकॉप्टर के देश में ही निर्माण के लिए डिजाइन, एकीकरण और विनिर्माण प्रक्रिया से संबंधित ढांचागत सुविधा मुहैया करानी होगी.