कोरोना संकट काल में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की है. ऐसे में मजदूरों के पास रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे मजदूरों और कामगारों को उनके घर-गांव के पास ही रोजगार के मकसद से केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण राजगार अभियान की शुरुआत की है. पीएम मोदी ने इस योजना को लॉन्च किया है.
इस योजना के तहत देश के विभिन्न भागों से पलायन कर अपने अपने गांव पहुंचे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. इसके साथ ही साथ अभियान को देश के छह राज्यों के 116 जिलों में शुरू किया जायेगा.
किस राज्य में कितने जिले
50 हजार करोड़ रुपये की लागत
50 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जा रही इस योजना के तहत कामगारों को 25 प्रकार के काम दिये जायेंगे. जिन राज्यों को इस योजना से फायदा होगा उसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा शामिल हैं. इसका फायदा 25 हजार प्रवासी मजदूरों को मिलने का दावा किया जा रहा है. सरकार का दावा है कि मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई है.
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इससे पहले, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया की लॉन्चिंग की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सिर्फ कॉमर्शियल कोल माइनिंग के लिए नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोल सेक्टर को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं.