प्रवर्तन निदेशालय ने शराब के व्यापारी विजय माल्या के खिलाफ बुधवार को 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण डिफ़ॉल्ट मामले में चार्जशीट दायर की है. प्रवर्तन निदेशालय ने पहले संकेत दिया था कि वह जून की शुरूआत से मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत विजय माल्या के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगा. जांच एजेंसी का मानना है कि आरोप पत्र लंदन कोर्ट के सामने माल्या मामले को बहुत मजबूत बना देगा.
चार्जशीट के अंदर केस की डीटेल्स, जांच रिपोर्ट, किंगफिशर एयरलाइंस, आईडीबीआई बैंक और यूबी ग्रुप से जुड़े अधिकारियों की प्रतियां और साक्ष्यों की स्वीकृति शामिल होने की उम्मीद है. प्रत्यर्पण के नियमों के अनुसार , एक एजेंसी को पहले चार्जशीट दर्ज करनी पड़ती है और फिर किसी भगोड़े को वापस भेजने के लिए देश को सूचित करना होता है. ये प्रकिया एक लम्बा समय लेने वाली प्रक्रिया है.
बता दें कि विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप है. कर्ज न लौटाने पर माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित किया है. माल्या 2016 से ब्रिटेन में हैं. भारत अपने प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है जिसके लिए प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम प्रक्रिया शुरू कर रही है.
सीबीआई ने पहले ग्यारह आरोपियों के खिलाफ 2,000 पेज-चार्जशीट दायर किया था जिसमें विजय माल्या शामिल थे. दोनों एजेंसियों द्वारा दायर आरोपपत्र ईडी और सीबीआई माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के अनुरोध का समर्थन करेंगे.
विजय माल्या ने वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट अदालत के सामने मंगलवार को पेश होने का दावा किया. साथ ही उसने दावा किया कि उसने किसी भी उधार राशि को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम में नहीं लगाया है. वास्तविक सुनवाई शुरू होने से पहले मैनेजमेंट कार्यवाही कहलाने वाली, मजिस्ट्रेट के सामने यह पहली सुनवाई थी.