ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच का मानना है कि टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस जियो की एंट्री के बाद इंटरनेट डेटा दरों में 20 फीसदी की गिरावट आ सकती है. हालांकि रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इससे मौजूदा चार शीर्ष ऑपरेटरों की वित्तीय स्थिति पर मीटियम टर्म में कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि वॉयस शुल्क बढ़ने और नियामकीय माहौल में सुधार से उनका रेवेन्यू बढ़ रहा है.
फिच की एक रिपोर्ट में कहा गया है, '2015 की पहली छमाही में रिलायंस जियो की संभावित एंट्री से डेटा सेक्शन में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. इससे भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और आरकाम की डेटा दरों में कम से कम 20 फीसदी की गिरावट आएगी.' रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो मुख्य रूप से डेटा पर ध्यान केंद्रित करेगी और इससे मौजूदा आपरेटरों के वॉयस कारोबार पर सीमित असर होगा.
कमजोर वॉयस ओवर एलटीई तकनीक और सस्ते 4जी हैंडसेट्स की कमी के चलते इन कंपनियों के वॉयस कारोबार पर असर नहीं पड़ेगा. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे 2009-13 की तरह का ‘टैरिफ वॉर’ फिर शुरू नहीं होगा. उस समय टैरिफ दरों में जबर्दस्त गिरावट आई थी.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कमजोर, मुनाफा नहीं कमा रहे ऑपरेटर विलय की तलाश में रहेंगे. उद्योग में कुल छह ऑपरेटर उभरकर आएंगे, क्योंकि 10 से 12 ऑपरेटरों का टिक पाना आसान नहीं होगा. इसमें कहा गया है कि 2015 में शीर्ष चार ऑपरेटरों का मार्केट शेयर बढ़कर 83 प्रतिशत हो जाएगा, जो 2014 में 79 प्रतिशत है.
(भाषा से इनपुट)