मंगलवार को मुंबई की एक अदालत ने टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी वेंकटरमन रामचंद्रन की ओर से दायर किए गए 500 करोड़ रुपये की आपराधिक मानहानि मुकदमे को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया. अब उद्योगपति साइरस पी. मिस्त्री और अन्य और साइरस इनवेस्टमेंट्स एंड स्टर्लिग इंवेस्टमेंट के अन्य डायरेक्टर्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलेगा.
अदालत ने सभी आरोपियों को 24 अगस्त को अगली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया है. वेंकट ने मानहानि के लिए 500 करोड़ रुपये और माफी की मांग की है. वेंकटरमन के मुताबिक टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद साइरस ने एक चिट्ठी में उन पर 22 करोड़ की लेनदेन में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. जो बेबुनियाद था साथ ही नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में चल रहे केस के दौरान भी साइरस ने कई झूठे आरोप लगाए. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 अगस्त तय की है अधिकारी ने कहा कि उन्हें अदालत में उपस्थित होकर जमानत के लिए अर्जी देनी होगी.
बाद में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक मानहानि और आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित धाराओं के तहत धारा तय की जाएंगी
सुनवाई के दौरान अदालत ने वेंकटरमण के वकील परवेज मेमन के तर्क को बरकरार रखा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत नागरिकों को जीने का अधिकार दिया गया है, जिसमें सम्मान के साथ जीने का अधिकार है और यह सभी कानूनों की दृष्टि में समान है.
मेमन ने आगे ये भी कहा कि मिस्त्री काफी धन और क्षमता वाले व्यक्ति हैं, इसलिए वेंकटरमन की गरिमा का मूल्य बहुत अधिक है और अभियुक्तों को उनकी लापरवाही और गैर जिम्मेदारियों के लिए छूट नहीं दी जा सकती, जो झूठे और आधारहीन थे.
उन्होंने अदालत से कहा टाटा संस से निकाले जाने के बाद वेंकटरमन, रतन टाटा, टाटा संस और अन्य लोगों के खिलाफ इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाए गए, उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल के दौरान चुप्पी क्यों साध रखी थी, उन्होंने अपनी गलतियों पर क्यों कुछ नहीं बोला जिसके कारण उन्हें टाटा संस से निकाला गया था.
मंगलवार को मुंबई की एक अदालत ने टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी वेंकटरमन रामचंद्रन की ओर से दायर किए गए 500 करोड़ रुपये की आपराधिक मानहानि मुकदमे को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया। अब उद्योगपति साइरस पी. मिस्त्री और अन्य और साइरस इनवेस्टमेंट्स एंड स्टर्लिग इंवेस्टमेंट के अन्य डायरेक्टर्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलेगा.