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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ी, अब 30 नवंबर तक कर सकेंगे दाखिल

वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा दी गई है. इसे 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है. इसी तरह विवाद से विश्‍वास स्‍कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है. पहले ये 30 जून तक के लिए था.

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आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ी
आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ी

  • इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख 30 नवंबर तक बढ़ी
  • TDS-TCS की दरों में 25 फीसदी की कटौती की गई

कोरोना संकट काल में केंद्र सरकार की ओर से आम लोगों को बड़ी राहत दी गई है. सरकार ने आयकर दाखिल करने की तारीख बढ़ा दी है. कर दाता अब 30 नवंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकेंगे. बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मार्च 2021 तक TDS-TCS की दरों में 25 फीसदी की कटौती की गई. आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 किया जाएगा. विवाद से विश्वास स्कीम 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाई गई है.

दरअसल, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कल 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज के बारे में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज विस्‍तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा दी गई है. इसे 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है. इसी तरह विवाद से विश्‍वास स्‍कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है. पहले ये 30 जून तक के लिए था.

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उन्होंने कहा कि टैक्‍सपेयर्स को 31 मार्च 2021 तक टीडीएस कटौती में 25 फीसदी की राहत मिली है. बता दें कि सरकार टीडीएस (TDS) के जरिये टैक्स जुटाती है. टीडीएस विभिन्न तरह के आय के स्रोत पर काटा जाता है. इसमें सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि शामिल हैं.

ईपीएफ पर बड़ी राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अब अगस्‍त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी + 12 फीसदी की रकम EPFO में जमा करेगी. इससे करीब 75 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और संस्थाओं को फायदा मिलेगा. बता दें कि मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्‍यूट किया था. मतलब ये कि इस सुविधा को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें हैं.

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सरकार की इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. यानी 15 हजार से ज्यादा तनख्वाह पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा. कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा. हालांकि पीएसयू में 12 फीसदी ही ईपीएफ कटेगा.

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