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कोरोना वायरस: कंपनियां न करें छंटनी, इंडस्ट्री चैम्बर CII ने अपने सदस्यों को दी सलाह

सीआईआई के प्रेसिडेंट विक्रम किर्लोस्कर ने अपने सदस्यों से कोरोना की वजह से छंटनी न करने का आग्रह किया है. उनकी यह टिप्पणी कंपनियों के छंटनी का रास्ता अपनाने की आशंका के बीच आई है. CII ने सरकार से भी आग्रह किया है कि वह कंपनियों की मदद करें.

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कोरोना की वजह से रोजगार पर है संकट (प्रतीकात्मक तस्वीर: PTI)
कोरोना की वजह से रोजगार पर है संकट (प्रतीकात्मक तस्वीर: PTI)

  • कोरोना की वजह से बनी छंटनी की आशंका
  • कई कंपनियों ने सैलरी में कटौती की तैयारी की है
  • उद्योग चैम्बर सीआईआई ने इस बीच कदम उठाया है
  • संगठन ने अपने सदस्यों से छंटनी न करने का आग्रह किया

उद्योग चैम्बर सीआईआई ने कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान का सामना करने वाली कंपनियों से आग्रह किया है कि वे संकट के इस दौर में अपने कर्मचारियों की छंटनी न करें.

कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) ने सरकार से भी आग्रह किया है कि वह कंपनियों की मदद करें. सीआईआई के प्रेसिडेंट विक्रम किर्लोस्कर ने अपने सदस्यों से छंटनी न करने का आग्रह किया है. उनकी यह टिप्पणी मांग में कमी की चिंता को लेकर कंपनियों के छंटनी का रास्ता अपनाने की आशंका के बीच आई है.

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किस बात का डर

असल में, दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए कई देशों ने अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. इससे मांग की कमी के चलते भारत समेत अन्य देशों में कंपनियों के लोगों को नौकरी से निकाले जाने की आशंका है.

कंपनियां कर रहीं वेतन में कटौती

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी ने सबसे ज्यादा विमानन कंपनियों को प्रभावित किया है. गोएयर ने क्रमिक आधार पर अपने कर्मचारियों को बिना वेतन की छुट्टी पर भेजने की घोषणा की है. वहीं इंडिगो ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की है.

कर्ज में डूबी सरकार विमानन कंपनी एअर इंडिया भी कर्मचारियों के वेतन में पांच प्रतिशत तक की कमी करने पर विचार कर रही है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक किर्लोस्कर ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों से तुलना करके देखें तो हमारी सरकार ने इस संकट के दौरान अच्छा काम किया है. सरकार को अर्थव्यवस्था को और सहारा देना चाहिए, क्योंकि हमारा निर्यात प्रभावित हो रहा है.

किर्लोस्कर ने कहा, ‘हमने अपनी सदस्य कंपनियों से आग्रह किया है कि वह अपने कर्मचारियों को बनाए रखें और जहां तक संभव हो सके उनकी छंटनी न करें. साथ ही छोटे सर्विस प्रोवाइडर का भी ख्याल रखा जाना चाहिए.'

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रोक दी जाए कर्जों की वसूली

मौजूदा समय को ‘चुनौतीपूर्ण’ करार देते हुए किर्लोस्कर ने कहा, ‘व्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक को नीतिगत दरों को कम करना चाहिए. वहीं सरकार को उद्योग जगत के सभी कर्जों की वसूली रोक देनी चाहिए.'

सरकार को दिए हैं सुझाव

कोरोना वायरस संकट में स्वास्थ्य सेवा और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए निजी क्षेत्र सरकार का समर्थन कर सकता है. इन्हीं बिंदुओं को लेकर सीआईआई ने सरकार को कुछ सुझाव भी दिए हैं. सीआईआई ने कहा कि उद्योग पर वास्तविक प्रभाव अप्रैल के बाद ही दिखाई दे सकता है, लेकिन स्थानीय निर्माता कंपनियों की क्षमताओं पर जोर देना होगा जो आगे चलकर विश्वसनीय स्रोत बनेंगे.

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सीआईआई ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए बड़े शहरों में अस्पतालों, छोटे शहरों और कस्बों में जिला अस्पतालों को रोगियों के परीक्षण और अलगाव के लिए ‘कोविड अस्पताल' के रूप में नामित किया जाना चाहिए. इसमें निजी क्षेत्र के अस्पताल आवश्यक उपकरणों और जनशक्ति में योगदान कर सकते हैं. वर्ष 2019 के अंत तक 9,325 कंपनियां सीआईआई की सदस्य बन चुकी हैं.

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