कोरोना की वजह से चीन और अमेरिका के बीच कारोबार के मामले में तनातनी बढ़ रही थी, लेकिन अब इसमें कुछ नरमी के संकेत दिख रहे हैं. चीन और अमेरिका के शीर्ष व्यापार प्रतिनिधियों ने फोन कॉल पर बात की.
दोनों देशों के प्रतिनिधि इस बात पर सहमत हुए कि वृहद आर्थिक मसलों और जनस्वास्थ्य के विषयों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा. चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है.
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किस बात पर हुई रजामंदी
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान चीन के उप-प्रधानमंत्री लिउ हे, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लिथिजर और अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन मुनचिन भी इस बात पर राजी हुए कि दोनों देश एक साथ मिलकर पहले चरण के ट्रेड डील को लागू करने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाएंगे.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आगे भी संवाद को बनाए रखा जाएगा. गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तल्खी बढ़ गई थी. हालात यहां तक बिगड़ गए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर चीन प्रावधानों का पालन नहीं करता तो वह उसके साथ हुई ट्रेड डील को खत्म कर देंगे.
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ट्रंप ने कहा कि चीन के प्रति उनसे ज्यादा सख्त और कोई नहीं हो सकता. गौरतलब है कि चीन से उत्पन्न कोरोना वायरस महामारी को लेकर दोनों देशों के नेताओं के बीच काफी बयानबाजी चल रही थी. अमेरिकी सत्ता प्रतिष्ठान इस बारे में संदेह जता रहा है कि कहीं यह वायरस चीन के किसी लैब से तो नहीं निकला है. राष्ट्रपति ट्रंप कई बार इसे 'चीनी वायरस' कह चुके हैं.
अमेरिका को कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान
गौरतलब है कि अमेरिका में इस वक्त कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है. अमेरिका में अबतक 75 हजार से अधिक लोग अपनी जान कोरोना वायरस की वजह से गंवा चुके हैं, जबकि 12 लाख से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में हैं.
क्या था समझौता
चीन और अमेरिका के बीच इस साल जनवरी में पहले चरण के ट्रेड डील पर दस्तखत हुए थे. दोनों देश पिछले करीब दो साल से जारी ट्रेड वॉर की कड़वाहट को भूलकर इस समझौते के लिए तैयार हुए थे. दो साल तक दोनों देशों में जारी ट्रेड वॉर से दुनिया भर के शेयर बाजार और इकोनॉमी को भारी नुकसान हुआ था.