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फेल वेंचर नहीं लगता CCD के वी. जी. सिद्धार्थ का कारोबार, हुआ था अच्छा मुनाफा

सोशल मीडिया पर वी.जी. सिद्धार्थ का जो लेटर वायरल हुआ है, उसमें उन्होंने इस बात के लिए खेद जताया है कि कारोबार को सफल नहीं बना पाए, लेकिन अगर आंकड़ों को देखें तो उनका कॉफी कारोबार फेल नहीं लगता.

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CCD के फाउंडर वी.जी. सिद्धार्थ का हुआ निधन
CCD के फाउंडर वी.जी. सिद्धार्थ का हुआ निधन

कैफे कॉफी डे के फाउंडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. एम. कृष्णा के दामाद वी. जी. सिद्धार्थ का सोमवार शाम से लापता थे और बुधवार को सुबह उनका शव मिल गया है. सोशल मीडिया पर उनका जो लेटर वायरल हुआ है, उसमें उन्होंने इस बात के लिए खेद जताया है कि कारोबार को सफल नहीं बना पाए, लेकिन अगर आंकड़ों को देखें तो उनका कॉफी कारोबार फेल नहीं लगता.

साल 2015 में जब सीसीडी का संचालन करने वाली कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज का आईपीओ आया था, तब इसके दस्तावेज में कंपनी ने बताया था कि उसके ऊपर 6,328 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसके बाद से कंपनी ने अपने कर्ज को कम करने का लगातार प्रयास किया है. वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी की आय 4,624 करोड़ रुपये और मुनाफा 128 करोड़ रुपये था. इसकी सब्सिडियरी कंपनी कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड (CDGL) को 1,468 करोड़ रुपये की आय हुई.

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समूह की लॉजिस्ट‍िक्स कारोबार में लगी कंपनी SICAL लॉजिस्ट‍िक्स को वित्त वर्ष 2018-19 में 1,525 करोड़ रुपये की आय हुई, जबकि इसके पिछले वर्ष में कंपनी की आय 1194 करोड़ रुपये की थी. समूह के वित्तीय सेवा कारोबार में लगी कंपनी की आय इस दौरान 546 करोड़ रुपये थी, जबकि इसके पिछले वर्ष इसको 527 करोड़ रुपये की आय हुई थी.

वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी की करंट और नॉन-करंट लायबिलिटीज 3,577 करोड़ रुपये थी. कंपनी के एक ऑडिटर के मुताबिक इसकी 40 सब्स‍िडियरी कंपनियों का कुल मिलाकर एसेट 12,140 करोड़ रुपये का और कुल आय 4,091.71 करोड़ रुपये रहा है.

हाल में वी.जी. सिद्धार्थ ने आईटी कंपनी माइंडट्री की करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 3,269 करोड़ रुपये हासिल किए थे. टैक्स देने और अन्य खर्चों के बाद उनके पास इसमें से 2100 करोड़ रुपये बचे थे, जिसका इस्तेमाल उन्होंने कर्जों को चुकाने के लिए किया था. कंपन के ऊपर कुल 6547 करोड़ रुपये का कर्ज है.

सीसीडी के यदि वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर वित्त वर्ष 2018-19 तक के नतीजों को देखें तो मामला मिला-जुला रहा है. कंसोलिडेट आधार पर देखें तो कंपनी वित्त वर्ष 2016-17, वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2018-19 में मुनाफे में रही है. हालांकि वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2015-16 में कंपनी को घाटा हुआ था.

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इन दोनों वर्षों में कंपनी को कुल 395 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, लेकिन अगले तीन वर्षों में 185 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. वास्तव में वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 509 फीसदी की बढ़त हुई है.

कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि सभी कामकाज को सुचारु तरीके से जारी रखने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा.

(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)

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