अगर आप आयकर रिटर्न फाइल करने वाले हैं तो ये खबर आपके लिए है. हाल ही में आयकर विभाग ने फॉर्म 26एएस में कुछ बदलाव किया है. इस बदलाव की वजह से आयकर रिटर्न फाइल करना पहले से काफी आसान हो जाएगा.
फॉर्म 26 एएस और बदलाव
दरअसल, इस फॉर्म में स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) का ब्यौरा होता है. अब इस फॉर्म में संपत्ति और शेयर लेनदेन की सूचना को भी शामिल किया गया है. आसान भाषा में समझें तो संशोधित फॉर्म में करदाता के सभी बड़े वित्तीय लेनदेन का ब्योरा शामिल होगा.
इससे करदाताओं को आईटीआर फाइल करने में आसानी होगी. करदाता को फॉर्म के जरिए वित्तीय लेनदेन याद रहेगा और आईटीआर दाखिल करते समय उसके पास एक अनुमान पहले से ही तैयार होगा. आपको बता दें कि आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक है.
CBDT recently brought out the new form 26AS for ease of filing of Income Tax Returns(ITRs)by taxpayers.The new form is a faceless handholding of taxpayers,to help them with updated financial transactions,so as to facilitate voluntary compliance &easy e-filing. #FacelessIncomeTax pic.twitter.com/w0as1LxwQP
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) July 18, 2020
71,229 करोड़ रुपये के रिफंड
आयकर विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक आठ अप्रैल से 11 जुलाई के बीच 21.24 लाख करदाताओं को 71,229 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए. इसमें 24,603 करोड़ रुपये का रिफंड व्यक्तिगत आयकरदाताओं का शामिल है, जिनकी संख्या 19.79 लाख है. वहीं कंपनी कर के तहत 1.45 लाख करदाताओं को 46,626 करोड़ रुपये वापस किये गये हैं.
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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘जो भी रिफंड से जुड़े मामले हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लिया जा रहा है और इसे 31 अगस्त 2020 तक पूरा कर लिये जाने की संभावना है.’’ बयान के अनुसार सरकार करदाताओं को बिना किसी समस्या के कर संबंधी सेवाएं देने पर जोर दे रही है.
करदाताओं से की ये अपील
इसके साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने करदाताओं से उनके रिफंड के तेजी से प्रोसेसिंग को लेकर विभाग के ई-मेल पर तुरंत जवाब देने को कहा है. इससे विभाग उनके रिफंड की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये कदम उठाएगा.