कैबिनेट ने बुधवार को नई पावर टैरिफ पॉलिसी को मंजूरी दे दी. इस पॉलिसी का मकसद स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन देना, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बेहतर नियमन और निवेश में तेजी लाना है.
क्या है मकसद?
कैबिनेट की बैठक के बाद एक सूत्र ने कहा, मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक नई पावर टैरिफ पॉलिसी को मंजूरी दे दी. इस पॉलिसी का मकसद स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन, स्वच्छ भारत कार्यक्रम को समर्थन देना, बिजली वितरण कंपनियों के लिए बेहतर नियमन और बिजली क्षेत्र में तेजी से निवेश को प्रोत्साहन देना है.
पर्यावरण को लेकर चिंता पर गौर
पॉलिसी में न केवल तेजी से निवेश बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है, बल्कि इसमें पर्यावरण को लेकर चिंता पर भी गौर किया जायेगा साथ ही रिन्यूअल एनर्जी को प्रोत्साहन दिया गया है. इसके अलावा यह नियामकीय व्यवस्था को भी मजबूत करेगी जिससे डिस्कॉम और अधिक दक्ष हो सकें और उपभोक्ताओं के प्रति अपने कर्तव्य को लेकर सावधानी बरतें.
1.75 लाख मेगावाट ऊर्जा को जोड़ने की चुनौती
वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने विद्युत कानून, 2003 के प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय शुल्क नीति को मंजूरी दी थी. बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संकेत दिया था कि यह नीति स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान देने वाली होगी. अब हमारे सामने चुनौती 1.75 लाख मेगावाट रिन्यूअल एनर्जी को जोड़ने की है.
स्वच्छ भारत पहल को प्रोत्साहन
गोयल ने कहा था कि हम टैरिफ पॉलिसी में कुछ और ऐसे तत्व ला रहे हैं जिससे रिन्यूअल एनर्जी को प्रोत्साहन मिलेगा. पॉलिसी से स्वच्छ भारत पहल को भी प्रोत्साहन मिलेगा. पॉलिसी के तहत विद्युत संयंत्रों में निगम द्वारा साफ किए गए बेकार पानी का इस्तेमाल किया जायेगा. संयंत्र उसके 100 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध ऐसे पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे.