मोदी 2.0 के पहले आम बजट से शेयर बाजार में निराशा बरकरार है. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सेंसेक्स 793 अंक टूटकर 38 हजार 721 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी की बात करें तो 253 अंक टूटकर 11 हजार 559 के स्तर पर रहा.
यह लगातार दूसरा कारोबारी दिन है जब शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है. इन दो दिनों में सेंसेक्स करीब 1100 अंक से ज्यादा टूटा है तो वहीं निफ्टी भी 400 अंकों से ज्यादा लुढ़का है. कारोबार के दौरान शेयर बाजार में दिसंबर 2018 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले बजट वाले दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 394.67 अंक की गिरावट के साथ 39513.39 के स्तर पर रहा. वहीं निफ्टी 135.60 अंक की कमजोरी के साथ 11,811.15 के स्तर पर बंद हुआ.
ऐसी रही सेंसेक्स की चाल

दो दिन में डूबे 5 लाख करोड़
इन दो कारोबारी दिनों की गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए. शुक्रवार को बीएसई लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैप 153.58 लाख करोड़ थी जो सोमवार को 148 लाख करोड़ पर आ गई. इस लिहाज से दो दिन में 5 लाख करोड़ से अधिक की गिरावट आई है.
गिरावट की क्या है वजह
दरअसल, आम बजट से निवेशकों में निराशा देखने को मिल रही है. बाजार के जानकार अजय केडिया के मुताबिक बजट में घरेलू अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने का कोई क्लियर रोडमैप नहीं दिखा. निवेश को कैसे बूस्ट मिलेगा, इसको लेकर सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है. इसके अलावा अमेरिका में जून महीने में जॉब डाटा बेहतर रहा है. इससे यह उम्मीद घटी है कि आने वाले दिनों में यूएस फेड द्वारा 0.50 फीसदी रेट कट किया जाएगा. वहीं रुपये में कमजोरी का भी बाजार में निगेटिव असर देखने को मिला है.
52 हफ्ते के लो पर मारुति सुजुकी
सोमवार को मारुति सुजुकी के शेयर में करीब 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. यह 52 सप्ताह का लो लेवल है. कारोबार के दौरान मारुति सुजुकी के शेयर 5.96 फीसदी लुढ़क कर 5,985 रुपये के स्तर पर पहुंच गए. वहीं कारोबार के अंत में कंपनी का शेयर भाव 6033.15 (-5.21%) के स्तर पर रहा.
दरअसल, बिक्री कम होने की वजह से मारुति सुजुकी के जून प्रोडक्शन में 15.60 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है. यह लगातार पांचवां महीना है जब कंपनी ने प्रोडक्शन में कमी की है. इस खबर का असर कंपनी के शेयर पर देखने को मिला. बता दें कि कारोबार के दौरान सबसे अधिक गिरावट ऑटो सेक्टर के शेयर में देखने को मिली. ऑटो सेक्टर के शेयर 3 साल के लो लेवल पर हैं.
यस बैंक में सबसे अधिक तेजी
हालांकि इस बीच यस बैंक के शेयर में सबसे अधिक तेजी देखने को मिली. यस बैंक के शेयर 5.56 फीसदी बढ़त के साथ 93.10 रुपये के स्तर पर बंद हुए. यस बैंक में तेजी की सबसे बड़ी वजह बैंक के मैनेजमेंट में नियुक्तियां हैं. दरअसल, यस बैंक ने बयान जारी कर बताया है कि अनुराग अदलखा और राजीव उबेरॉय को मैनेजमेंट में शामिल किया गया है.
बैंक ने कहा, ''हम मैनेजमेंट को लगाए जा रहे किसी भी अटकल को खारिज करते हैं. हमें लगता है कि निवेशकों और ग्राहकों के विश्वास को प्रभावित करने के लक्ष्य के साथ संस्था को अस्थिर करने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से ये कोशिशें की जाती हैं. हमने अधिकारियों को इन घटनाक्रमों से अवगत करा दिया है.''