वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोने का स्टोरेज करने के लिए बैंकों को ढाई फीसदी कमीशन देगी. वहीं, जमाकर्ताओं को जमा किए गए सोने को मैच्योरिटी पीरियड से पहले निकालने की अनुमति दी जाएगी.
कमीशन के बदले बैंक देंगे सर्विस
वित्त मंत्रालय ने बताया कि स्कीम को सफल बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है. बैंकों को मिलने वाली ढाई फीसदी कमीशन के बदले वे सोने की शुद्धता की जांच, प्युरीफिकेशन और स्टोरेज की सर्विस देंगे .
अब तक जमा हुआ 900 किलोग्राम सोना
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत व्यक्तियों, परिवारों, मंदिरों को गोल्ड ज्वैलरी या सोने की बिस्किट बैंकों या संग्रह एजेंटों के पास जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सोना जमा करने से आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी. सरकार इस योजना के तहत ढाई महीनों में 900 किलोग्राम सोना पहले ही जमा कर चुकी है. जमाकर्ताओं को इस पर सालाना ढाई प्रतिशत ब्याज मिलेगा.
स्कीम को ग्राहकों के करीब लाने के लिए नई पहल
आपको बता दें कि इससे पहले गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को ग्राहकों के और अनुकूल बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने कहा था कि जमाकर्ता अब मीडियम टर्म (5 से 7 साल) और लॉन्ग टर्म (12 से 15 साल) के तहत जमा किए गए सोने को मिनिमम लॉक इन पीरियड के बाद मैच्योरिटी पीरियड से पहले निकाल सकते हैं. इसके अलावा अब आप अपना सोना केवल संग्रह और शुद्धता जांच केन्द्रों (सीपीटीसी) के जरिए देने के बजाय सीधे रिफाइनरी को दे सकते हैं.