कारों की बिक्री में लगातार जारी गिरावट से ऑटो सेक्टर की हालत पतली होती जा रही है और छंटनी का दौर शुरू हो गया है. पिछले तीन महीने में ऑटो इंडस्ट्री से करीब दो लाख लोगों को नौकरियों से निकाला गया है.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार, भारत में पिछले तीन माह के दौरान ऑटोमोबाइल डीलरशिप स्टोर्स से दो लाख लोगों को नौकरियों से निकाला गया है. फाडा की तरफ से आशंका जाहिर की गई है कि अगले कुछ माह में इस ट्रेंड में सुधार होने की गुंजाइश नहीं दिख रही. इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ेगी. फाडा ने कहा कि सरकार को जीएसटी में कटौती जैसे तात्कालिक उपाय कर ऑटो सेक्टर को राहत देनी चाहिए.
सेल्स में गईं ज्यादातर नौकरियां
फाडा अध्यक्ष अशीष हर्षराज काले ने कहा कि ऑटो सेक्टर की नौकरियों में छंटनी का दौर मई में शुरू हुआ था, जो कि जून और जुलाई माह में भी जारी रहा. काले ने बताया कि ज्यादातर नौकरियों की कटौती सेल्स सेक्टर में हुई हैं. ऐसे में अगर वाहनों की बिक्री में गिरावट का दौर आगे भी जारी रहता है, तो न सिर्फ सेल्स बल्कि टेक्निकल जॉब जाने का खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि सेल कम होने पर सर्विस भी कम आएगी.
सिर्फ डीलर्स ने 50 लाख लोगों दिया है रोजगार
आशीष ने बताया कि देश में करीब 15 हजार डीलर्स के 26 हजार ऑटोमोबाइल शोरूम हैं. इसमें करीब 25 लाख लोग सीधे तौर से नौकरी कर रहे हैं, जबकि 25 लोग अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं. मतलब ऑटोमोबाइल शोरुम देश के करीब 50 लाख लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
काले ने कहा, 'हमारे सदस्यों ने अब तक ज्यादातर डीलरशिप में नौकरियों में 7 से 8 फीसदी तक की कटौती कर दी है. इसकी वजह यह है कि बिक्री में गिरावट काफी ज्यादा है.'
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में भी देश के 271 शहरों में 286 शोरूम बंद हो गए थे, जिसकी वजह से 32,000 लोग बेरोजगार हो गए थे.
गौरतलब है कि सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून की तिमाही में सभी सेगमेंट में वाहनों की बिक्री में 12.35 फीसदी की गिरावट आई है और सिर्फ 60,85,406 वाहन बिके हैं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 69,42,742 वाहन बिके थे.