देश के खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को भरोसा है कि विवादों में घिरी मैगी जल्द बाहर आ जाएगी और एक बार फिर दुकानों पर सजी पाई जाएगी. पासवान के इस बयान से नया विवाद उपज रहा है क्योंकि जिस परीक्षण को आधार बनाकर पासवान ने ऐसा कहा है उस परीक्षण के नतीजों को देश के खाद्य नियामक FSSAI ने सिरे से खारिज कर दिया है.
कहां उपज रहा है नया विवाद
रामविलास पासवान ने गुरुवार शाम भरोसा जताया कि बहुत जल्द मैगी नूडल्स विवादों से बाहर आ जाएगी और दुकानों पर बिकना शुरू हो जाएगी. यह दावा करने के लिए पासवान ने सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CFTRI) के परीक्षण का हवाला दिया जिसमें मैगी को खाने के लिए सुरक्षित पाया गया है. हालांकि, पासवान के इस भरोसे में महज 24 घंटे पहले देश के खाद्य नियामक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने गोवा और मैसूर स्थित CFTRI के टेस्ट नतीजों को खारिज करते हुए नेस्ले को क्लीन चिट देने की अफवाहों को नकार दिया था.
नेस्ले पर लगातार बढ़ रहा है दबाव
मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने भले ही अभी तक इस मामले में यह कहते हुए कुछ कहने से मना किया है कि मामला अदालत के विचाराधीन है. गौरतलब है कि बंबई उच्च न्यायालय इस मामले में अभी भी सुनवाई कर रहा है. लेकिन एक बात साफ है कि इस पूरे विवाद से नेस्ले की रीढ़ की हड्डी बन चुकी मैगी पर करारा प्रहार हुआ है. हाल में आए कंपनी के तिमाही नतीजों पर बुरा असर पड़ा. शेयर बाजार में नेस्ले के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. कंपनी के कई नए प्रोडक्ट्स लॉचिंग की लाइन में हैं और उसे इंतजार है कि जल्द से जल्द यह मामला उसके पक्ष में आ जाए.
कहां हैं सिंगापुर और लंदन में हुए मैगी टेस्ट की रिपोर्ट
FSSAI ने साफ कर दिया है कि वह CFTRI के नतीजों में मौजूद खामियों के कारण पर इससे इत्तेफाक नहीं रखता. FSSAI ने यहां तक कहा है कि वह हाल में सिंगापुर और लंदन की लैब में हुए मैगी परीक्षणों को भी नहीं मानना क्योंकि नेस्ले ने उन नतीजों को अभी तक संस्था के सामने नहीं रखा है.
विदेशी निवेश का माहौल हो रहा खराब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए खाद्य मंत्री ने कहा कि मैगी विवाद के चलते देश में विदेशी निवेश का माहौल खराब हो रहा है. पासवान ने यह चिंता भी जाहिर की कि इस तरह की बातें एक नकारात्मक धारणा को जन्म दे रही हैं और इसका सीधा इसर भावी विदेशी निवेशकों के मन-मस्तिष्क पर पड़ने का डर है. पासवान ने कहा, "मैं चिंतित हूं. मैगी पर रोक के बाद लोगों की धारणा बदली है. विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने से पहले दो बार सोचेंगे. हमारी साख दांव पर है."