एफडीआई को लेकर सरकार सहयोगियों को लामबंद कर रही है, लेकिन विपक्ष को एक नया मुद्दा मिल गया है. दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वालमार्ट के भारत में निवेश पर सवाल उठ गया है.
सवाल ये है कि क्या भारत में निवेश के लिए वालमार्ट ने रिश्वत दी थी. प्रवर्तन निदेशालय फेमा के उल्लंघन के तहत इस मामले की जांच कर रहा है.
सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय के बैंगलोर ऑफिस से वालमार्ट को नोटिस भेजने की तैयारी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय से वालमार्ट के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी.
सीपीआई के एमपी अच्युथन ने आरबीआई से वालमार्ट के निवेश पर नियमों के उल्लंघन की शिकायत की थी. अच्युथन वालमार्ट और भारती के वेंचर की शिकायत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी कर चुके हैं. इस शिकायत के बाद ही आरबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय को वालमार्ट के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी.
अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच खुद वालमार्ट भी कर रहा है. एक बयान में वालमार्ट ने कहा की ना तो कंपनी के भीतर और ना ही किसी देश में नियमों के उल्लंघन की बात को बर्दाश्त करेगा. कंपनी अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच करवा रही है.