दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा कम्पनी, वालमार्ट स्थानीय मजदूर संगठनों के भारी विरोध के कारण न्यूयार्क में अपना स्टोर खोलने में एक बार फिर नाकाम हो गई है.
मजदूर संगठनों का यह विरोध प्रदर्शन भारत में जारी विरोध प्रदर्शनों से काफी कुछ मिलता-जुलता था. लेकिन विरोध का कारण भारत की तरह नहीं था.
भारत में वालमार्ट जैसी खुदरा कम्पनियों का विरोध इस भय से प्रेरित है कि वे छोटे किराना दुकानों को निगल जाएंगी. जबकि न्यूयार्क में विरोध की वजह कम्पनी द्वारा अपनाया गया बिजनेस मॉडल है, जो उसे बड़े शहरों से दूर किए हुए है.
फॉर्चून ग्लोबल 500 के अनुसार, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े निगम को दुनिया में सबसे बड़ा निजी नियोक्ता माना जाता है, जिसके पास 15 देशों में 8,500 स्टोर हैं जिनमें 20 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. इस कम्पनी ने 2012 में 446.950 अरब डॉलर की कमाई की है.
अकेले अमेरिका में इसके 4,000 स्टोर हैं, लेकिन बड़े शहरों में गिने-चुने स्टोर ही हैं. न्यूयार्क में या वाशिंगटन डीसी की सीमा में अभी तक इसका एक भी स्टोर नहीं है, लेकिन मैरीलैंड और वर्जीनिया में 40 किलोमीटर के उपनगरीय दायरे में वालमार्ट के दर्जनों स्टोर हैं.