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लक्ष्य से पीछे रह सकता है रेलवे का राजस्व

अगर मौजूदा आय को संकेत माना जाए तो रेल मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में अपने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य से पीछे रह सकता है.

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अगर मौजूदा आय को संकेत माना जाए तो रेल मंत्रालय चालू वित्त वर्ष में अपने राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य से पीछे रह सकता है.

हालांकि चालू वित्त वर्ष में दिसंबर महीने तक माल ढुलाई से रेलवे का राजस्व पिछले वित्त वर्ष की समान महीने की तुलना में 6.27 फीसदी अधिक हुआ है लेकिन यह चालू वित्त वर्ष 2010-11 के लिये निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने शायद सक्षम नहीं हो सके.

रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 44,789.55 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में 42,146.97 करोड़ रुपये था. पार्सल ढुलाई और विज्ञापन समेत अन्य स्रोत से राजस्व 501 करोड़ रुपये रहा. अप्रैल से दिसंबर के बीच यात्रि किराये से आय 19,205.26 करोड़ रुपये रही. इस तरह से रेलवे की कुल आय 67,880.82 करोड़ रुपये रही जबकि पूरे वित्त वर्ष में 94,765 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य है.

अधिकारियों को आशंका है कि वित्त वर्ष के खत्म होने में लगभग ढाई महीने का समय बचा है, रेलवे के लिये आय के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा. रेलवे को राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिये चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 26,885 करोड़ रुपये जुटाने होंगे जो आसान नहीं है. लक्ष्य को हासिल करने के लिये रेल मंत्रालय ने सभी क्षेत्रों को व्यय में कटौती करने का निर्देश दिया है. सूत्रों ने कहा, ‘आधिकारिक यात्रा समेत सभी सामान्य व्यय में कटौती के निर्देश दिये गये हैं.’

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