देश की आर्थिक विकास दर वर्ष 2011-12 में गिरकर 6.5 प्रतिशत हो जाने और फिर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके 5.5 प्रतिशत हो जाने के बावजूद केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है.
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आर्थिक संपादकों के वार्षिक सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था चुनौती के दौर से गुजर रही है. बाजार की संवेदनशीलता हर जगह प्रभावित हो रही है. फिर भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है.
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चिदंबरम ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में देश की स्थिति बहुत बेहतर है. वश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर वर्ष 2010 में 5.3 प्रतिशत से गिरकर 3.9 प्रतिशत और अगले दो वर्षो में 3.5 प्रतिशत हो गई है. विकसित अर्थव्यवस्थाओं में भी 3.2 प्रतिशत, 1.6 प्रतिशत तथा 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई है.
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उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी. हमें यह याद रखना होगा कि वर्ष 2008-09 तथा वर्ष 2011-2012 के दौरान ही हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर सात प्रतिशत से कम रही. उन्होंने कहा कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की कड़ी मौद्रिक नीतियों के कारण विकास प्रभावित हुआ, लेकिन चिंता व निराशा की कोई बात नहीं है.