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भारत में है दुनिया की 54 सबसे बड़ी कंपनियां

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज उन 54 भारतीय कंपनियों में अव्वल नंबर पर हैं, जिन्हें फोर्ब्‍स ने अपनी 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली कंपनियों की सालाना सूची में जगह दी है. इसके साथ ही चीन की तीन कंपनियों ने इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है.

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मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज उन 54 भारतीय कंपनियों में अव्वल नंबर पर हैं, जिन्हें फोर्ब्‍स ने अपनी 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली कंपनियों की सालाना सूची में जगह दी है. इसके साथ ही चीन की तीन कंपनियों ने इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है.

फोर्ब्‍स की 'वैश्विक 2000' सूची में आय, मुनाफे, परिसंपत्ति और बाजार मूल्यांकन के आधार पर आंकी गई विश्व की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली कंपनियों की व्यापक सूची में शामिल हैं. चीन में दुनिया की तीन शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियां हैं और शीर्ष 10 कंपनियों में से पांच कंपनियां भी वहीं की हैं.

अमेरिका ने 2000 कंपनियों की इस सूची में अपना दबदबा बरकरार रखा है, जिनमें से 564 वहां की हैं. अमेरिका के बाद जापान का स्थान है जहां कुल मिलाकर 225 कंपनियां हैं. भारत में विश्व की 54 सबसे बड़ी और शक्तिशाली कंपनियां हैं.

रिलायंस इंडस्ट्रीज मई 2014 तक 50.9 अरब डालर के बाजार मूल्यांकन और 72.8 अरब डालर की बिक्री के साथ 135वें स्थान पर है. रिलायंस के बाद भारतीय स्टेट बैंक का स्थान है जो 23.6 अरब डालर के मूल्यांकन के साथ 155वें स्थान पर है.

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जिन अन्य कंपनियों में इस सूची में जगह बनाई है, उनमें ओएनजीसी (176), आईसीआईसीआई बैंक (304), टाटा मोटर्स (332) इंडियन ऑयल (416), एचडीएफसी (422), कोल इंडिया (428), लार्सन एंड टूब्रो (500), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (543), भारती एयरटेल (625), ऐक्सिस बैंक (630), इन्फोसिस (727), बैंक आफ बड़ौदा (801), महिंद्रा एंड महिंद्रा (803), आईटीसी (830), विप्रो (849) आदि शामिल हैं.

इनके अलावा इस सूची में आईटीसी, विप्रो, भेल, गेल इंडिया, टाटा स्टील, भारत पेट्रोलियम, एचसीएल टेक्नोलाजीज, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, अडाणी एंटरप्राइजेज जैसी कंपनियों ने भी जगह बनाई है. इस साल ‘वैश्विक 2000’ सूची में 62 देशों की कंपनियों को जगह मिली, जबकि 2003 में जब फोर्ब्‍स ने इस सूची को जारी करना शुरू किया था तो जिन देशों की कंपनियों को इसमें शामिल किया गया था, उनकी संख्या सिर्फ 46 थी.

इन कंपनियों की कुल आय 38,000 अरब डालर और कुल मुनाफा 3,000 अरब डालर है, जबकि इन कंपनियों की कुल परिसंपत्ति 161,000 अरब डालर और इनका सकल बाजार मूल्यांकन 44,000 अरब डालर है.

फोर्ब्‍स ने कहा कि इन कंपनियों में नौ करोड़ लोग काम करते हैं. इस रैंकिंग के शुरू होने के बाद 11 साल में यह पहला मौका है, जबकि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियां चीन की रही और शीर्ष 10 कंपनियों में पांच कंपनियां भी वहीं की रहीं. चीन का सरकारी बैंक आईसीबीसी लगातार दूसरे साल अव्वल नंबर पर है, जबकि चायना कंस्ट्रक्शन बैंक दूसरे और ऐग्रिकल्चर बैंक आफ चायना पांचवें स्थान से चढ़कर तीसरे स्थान पर आ गया.
शीर्ष 10 कंपनियों में शेष कंपनियां अमेरिका की रहीं.

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बर्कशायर हैथवे और वेल्स फार्गो दोनों चार पायदान चढ़कर क्रमश: पांचवें और नौवें स्थान पर पहुंच गई. जेपी मार्गन सरककर चौथे स्थान पर आ गई क्योंकि उसका कुल आंकड़ा ऐग्रिकल्चर बैंक आफ चायना से कम रहा.

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ऐपल 15वें स्थान रही जिसके बाद फिनांशल कंपनी सिटीग्रुप (16) और उर्जा कंपनी शेवरॉन (18) का स्थान रहा.

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