स्मार्टफोन रोजमर्रा की जिंदगी में इन ट्रेडिशनल मीडियम की जगह काफी तेजी से ले रहा है. पिछले 5 से 10 वर्षों तक इन ट्रेडिशन्स का बोलबाला था पर अब स्मार्टफोन के चलते हम इनको लगभग भूल ही चुके हैं.
फोन से होने वाला लेन-देन इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि कार्ड पेमेंट अब बीते समय की बात लगने लगी है. अब आप अपने फोन के एप से बिजली बिल समेत डीटीएच और मोबाइल बिल भी पे कर सकते हैं. इसके अलावा फंड ट्रांसफर भी स्मार्टफोन से आसानी से किया जा सकता है.
तस्वीर लेने के लिए आपने पिछली बार डिजिटल कैमरा कब उठाया था? स्मार्टफोन के बाजार में 5 से लेकर 32 मेगापिक्सल वाले कैमरे आ रहे हैं. इन कैमरों में डीएसएलआर कैमरे के भी फीचर्स मिल रहे हैं. मोबाइल में कई तरह के फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर हैं जो फोटो को और भी बेहतरीन बनाते हैं. इसके अलावा फेसबुक और ट्विटर पर फोटो डालनी है, तो यह काम भी फोन आसानी से कर रहा है.
आईपॉड और एमपी3 प्लेयर की बिक्री पिछले तीन साल के दौरान लगातार गिरी है, क्योंकि अब ज्यादा से ज्यादा लोग फोन के जरिए ही म्यूजिक का शौक पूरा कर रहे हैं. अब लोग गानों को ब्लूटुथ और वॉट्सऐप पर शेयर भी कर रहे हैं. कीमत के लिहाज से भी आईपॉड की कीमत में अच्छे स्मार्टफोन बाजार में आ गए हैं.
अब लोग खबर पढ़ने के लिए अखबार का कम और फोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. 2017 तक वैश्विक स्तर पर अखबारों की कमाई में 11 फीसदी हिस्सा डिजिटल का होगा, जो 2012 में सिर्फ 5 फीसदी था. अखबार के लिए तमाम खास एप भी बनाए गए हैं जहां सभी अखबारों को एक साथ पढ़ा जा सकता है.
अलार्म घड़ी अब लगभग खत्म हो चुकी है. इसकी बड़ी वजह मोबाइल फोन है. मोबाइल के अलार्म में कई फीचर्स होते हैं जो आपको उठाने में काफी मदद करते हैं. कई थर्ड पार्टी एप भी हैं जो अलग-अलग तरीके से आपको टाइम पर उठने में मदद करती हैं.