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इकोनॉमी को पटरी पर लाने के रघुराम के तीन सुझाव, क्या सरकार देगी भाव?

इकोनॉमी को पटरी पर लाने के रघुराम के तीन सुझाव, क्या सरकार देगी भाव?
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लॉकडाउन की वजह से देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है. अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी से उतर गई है. इस महामारी ने सबसे ज्यादा गरीबों को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया है. हालांकि केंद्र सरकार लगातार हालात की समीक्षा कर रही है. इस बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद चुनौतियों से निपटने के लिए तीन अहम सुझाव दिए हैं. (Photo: File)
इकोनॉमी को पटरी पर लाने के रघुराम के तीन सुझाव, क्या सरकार देगी भाव?
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आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई तरह के सवाल किए, जिसमें लॉकडाउन के दौरान भारत को क्या करना चाहिए और इससे उबरने के लिए क्या कदम उठाना चाहिए. राहुल गांधी ने देश की इकोनॉमी की चुनौतियों और उपाय के बारे में भी रघुराम राजन से जानकारी ली. (Photo: File)
इकोनॉमी को पटरी पर लाने के रघुराम के तीन सुझाव, क्या सरकार देगी भाव?
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पहली सलाह
रघुराम राजन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी तरह के रोजगार बंद हैं, इस देशबंदी से सबसे ज्यादा गरीब प्रभावित हुआ है, इसलिए इस वक्त गरीबों की मदद करना सबसे जरूरी है. उन्होंने कहा कि गरीब को राहत देने के लिए सरकार को करीब 65 हजार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. क्योंकि स्थिति सुधरने में तीन-चार महीने लग जाएंगे, तब तक उनको सपोर्ट देना होगा. (Photo: File)
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रघुराम राजन ने कहा कि गरीब के लिए 65 हजार करोड़ रुपये देश खर्च कर सकता है. क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था 200 लाख करोड़ रुपये की है. गरीबों की मदद करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का फायदा उठाना होगा. पेंशन, मनरेगा जैसी योजनाओं से फायदा देना होगा. (Photo: File)
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दूसरी सलाह
रघुराम राजन भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अवगत हैं. इसलिए लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी क्षमताएं सीमित हैं लिहाजा हमें प्रायोरिटी के हिसाब से काम करना चाहिए. हमारे पास पश्चिमी देशों के मुकाबले कम फंड है, इसलिए जब हम इकोनॉमी खोलेंगे तो धीरे-धीरे हालात सुधरेंगे. कोरोना को हराने के साथ-साथ हमें आम लोगों के रोजगार के बारे में सोचना होगा. (Photo: File)
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रघुराम राजन ने कहा कि लॉकडाउन हमेशा के लिए जारी नहीं रखा जा सकता और अब आर्थिक गतिविधियों को खोलने की जरूरत है ताकि लोग अपना काम-धंधा फिर शुरू कर सकें. हालांकि उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खोलने के साथ ही हमें दूसरे उपायों पर भी तेजी से काम करना होगा. कोरोना टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाना होगा. हमें मास टेस्टिंग की ओर जाना होगा. (Photo: File)
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तीसरी सलाह
रघुराम राजन ही नहीं, कई बड़े अर्थशास्त्री भी कह चुके हैं, कोरोना संकट के बीच भारत के लिए ये मौका है कि वह अपनी इंडस्ट्री को दुनिया तक पहुंचाए और लोगों से संवाद करे. आरबीआई के पूर्व गवर्नर की मानें तो वैश्विक मंच पर भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है. क्योंकि शक्तिहीन लोगों को शक्तिशाली नेता अच्छा लगता है, हम एक विभाजित समाज के साथ कहीं नहीं पहुंच सकते हैं. (Photo: File)
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भले ही रघुराम राजन ने विपक्ष के नेता से बातचीत में ये बातें कहीं. लेकिन उनकी सलाह में देश की तरक्की की तस्वीर है. उन्होंने कहा कि इस समय भारत के लिए अपनी इंडस्ट्री को आगे बढ़ाना मौका है. क्योंकि ग्लोबल आर्थिक सिस्टम में कुछ गलत है. नए वर्ल्ड ऑर्डर में भारत अपना स्थान बना सकता है. सरकार भी मानती है कि कोरोना की वजह से भारत अपनी क्षमताओं को आंकने में सफल रहा है. (Photo: File)
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