अक्सर तमाम सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में लोग अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाते हैं. लेकिन आने वाले दिनों में हड़ताल को लेकर सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि नए श्रम कानून के अनुसार हड़ताल करने से 14 दिन पहले कर्मचारियों को संस्थान को इस बारे में जानकारी देना जरूरी होगा. (Photo: Getty)
दरअसल अदालती आदेशों और अन्य आपात स्थितियों के कारण विकास परियोजनाओं का काम रुकने पर मजदूरों की रोजमर्रा की आजीविका प्रभावित होने बचाने से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में गंगवार ने कहा कि अचानक काम रोकने की वजह से श्रमिकों का जीवनयापन प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार श्रम कानूनों में बदलाव कर हड़ताल का 14 पूर्व नोटिस देने जैसे प्रावधान शामिल करेगी. अभी हड़ताल से एक दिन पहले नोटिस देने का प्रावधान है.
सरकारी प्रस्ताव को मानें तो नए लेबर कानून के तहत किसी भी कर्मचारी को हड़ताल पर जाने से 14 दिन पहले नोटिस देना होगा. यानी अगर किसी को 1 दिसंबर से हड़ताल पर जाना है तो उसे 14 दिन पहले 17 नवंबर को नोटिस देकर बताना होगा.
संसद में संतोष कुमार गंगवार ने कहा, 'अगर किसी यूनिट में हड़ताल होती है तो कर्मचारियों को 14 दिन पहले मैनेजमेंट को इसकी जानकारी देनी होगी.' उन्होंने कहा कि यह नियम नए लेबर लॉ का हिस्सा है, इसमें सरकार मिनिस्ट्री और अलग-अलग राज्य सरकारों के बीच संपर्क बनाना चाहती है.
98 फीसदी मांगों पर सहमति
वहीं सरकार ने अगले साल 8 जनवरी से विभिन्न श्रम संगठनों द्वारा देशव्यापी हड़ताल आयोजित करने की औपचारिक सूचना मिलने से इनकार करते हुए कहा है कि सरकार श्रमिकों और श्रम संगठनों की मांगों पर गंभीरता से विचार करती है और 98 फीसदी मांगों का समाधान कराया है.
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले तीन साल में मंत्रालय को श्रमिकों की जितनी भी मांगे मिलीं, उनमें 95 से 98 फीसदी मांगों का समाधान कर हड़ताल को रोकने में सफल रही है. (Photo: Getty)