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बिजनेस

आर्थिक मोर्चे पर झटका, लटक जाएगा BPCL-कॉनकॉर का विनिवेश!

आर्थिक मोर्चे पर झटका, लटक जाएगा BPCL-कॉनकॉर का विनिवेश!
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विनिवेश के मोर्चे पर सरकार को उम्मीद के मुताबिक सफलता मिलती नहीं दिख रही है. सरकार ने 2019-20 में विनिवेश के जरिये 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. जबकि सरकार को चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अबतक 17 हजार करोड़ रुपये के करीब हासिल हुए हैं.
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दरअसल एअर इंडिया, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) और भारतीय कंटेनर निगम (कॉनकॉर) का रणनीतिक विनिवेश चालू वित्त वर्ष में होने की संभावना नहीं है. निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया आश्चर्यजनक है, जिससे विनिवेश में देरी हो रही है.
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तीनों बड़ी कंपनियों की विनिवेश प्रक्रिया में देरी होने पर लक्ष्य का क्या होगा, यह पूछने पर अधिकारी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) समेत 5 सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा सरकार कई कंपनियों में हिस्‍सेदारी कम करने वाली है.
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बता दें, चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.05 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल होता नहीं दिख रहा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सबसे बड़ा योगदान एयर इंडिया और बीपीसीएल के विनिवेश का होता. लेकिन इन दोनों कंपनियों के लिए योग्य खरीदार फिलहाल नहीं मिल रहे हैं.
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एयर इंडिया के विनिवेश से तो सरकार ने एक तरह से हाथ ही खड़े कर लिए हैं जबकि बीपीसीएल का विनिवेश कार्यक्रम अगले वित्त वर्ष में खींचे जाने के आसार बन रहे हैं. वित्त और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी भी मान रहे हैं कि बीपीसीएल के विनिवेश को अगले तीन महीनों के भीतर पूरा करना मुश्किल होगा.
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सरकार ने 20 नवंबर, 2019 को यह फैसला किया था कि वह बीपीसीएल समेत पांच बड़ी सरकारी कंपनियों के विनिवेश का फैसला किया था. बीपीसीएल में सरकार की पूरी हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन नियंत्रण भी निजी क्षेत्र को सौंपने का फैसला हुआ था.
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गौरतलब है कि सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), पोत परिवहन कंपनी भारतीय जहाजरानी निगम (एससीआई) और माल ढुलाई से जुड़ी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकार) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा सरकार टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन (टीएचडीसी), और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लि. (एनईईपीसीओ) में अपनी हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लि. को बेचेगी.
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वहीं सरकार ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) समेत चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हिस्सेदारी को 51 फीसदी से नीचे लाने को मंजूरी दी है. ऐसे में अब यह उम्‍मीद की जा रही थी कि सरकार अपने विनिवेश लक्ष्‍य को हासिल कर लेगी. सिर्फ बीपीसीएल की बिक्री से सरकार को विनिवेश लक्ष्य का करीब 60 फीसदी हिस्सा हासिल हो जाता. लेकिन इस वित्तीय वर्ष में अब यह संभव नहीं लग रहा है.
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BPCL में सरकार की 53.29 फीसदी हिस्सेदारी है और इस कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर है. सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी और मौजूदा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से उसे करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं. बीपीसीएल मुनाफे में चलने वाली कंपनी है, वित्त वर्ष 2018-19 में बीपीसीएल को 7,132 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.
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