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ट्रंप टैरिफ से इस राज्य को ₹34000Cr का घाटा... सीएम ने खुद गिनाए आंकड़े, बोले- नौकरियों पर बड़ा संकट

Trump Tariff Impact: अमेरिका के 50% टैरिफ से कई सेक्टर्स पर असर पड़ने वाला है और कपड़ा उद्योग इससे सबसे प्रभावित नजर आ रहा है. दोगुने टैरिफ से सिर्फ तमिलनाडु को ही टेक्सटाइल समेत अन्य क्षेत्रों में 34,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान की आशंका है.

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तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने टैरिफ को बताया बड़ा झटका (File Photo: ITGD)
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने टैरिफ को बताया बड़ा झटका (File Photo: ITGD)

डोनाल्ड ट्रंप का 50 फीसदी टैरिफ भारत पर बीते 27 अगस्त से लागू हो चुका है. इसके असर को लेकर तमाम सेक्टर्स में चिंता है और खासतौर पर देश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान की संभावना जताई जा रही है. इस टैरिफ से तमिलनाडु को अनुमानित 3.93 अरब डॉलर (करीब 34600 करोड़ रुपये से ज्यादा) का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ये आंकड़ा खुद राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बताया है और ट्रंप के दोहरे टैरिफ को तमिलनाडु की इकोनॉमी के लिए एक बड़ा झटका करार दिया है. 

यूएस बड़ा बाजार, ट्रंप टैरिफ से ऑर्डर रद्द 
अमेरिकी टैरिफ ने तमिलनाडु के निर्यातकों में चिंता बढ़ाने का काम किया है, जिसके लिए अमेरिका लंबे समय से प्रमुख निर्यात बाजार रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य के कुल निर्यात में से 31 फीसदी अमेरिका को था, जो राष्ट्रीय औसत 20 फीसदी से कहीं ज्यादा है. बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ को बढ़ाकर दोगुना किए जाने के कारण पहले ही ऑर्डर रद्द हो चुके हैं और तमिलनाडु का निर्यात अप्रतिस्पर्धी हो गया है. खासतौर पर टेक्सटाइल, मशीनरी, जेम्स एंड ज्वेलरी के साथ ही ऑटो पार्ट्स के सेक्टर्स में सबसे ज्यादा. 

36% तक नौकरियों पर संकट
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि अनुमानित नुकसान अमेरिका के साथ व्यापार मूल्य से कहीं ज्यादा है और टैरिफ से प्रभावित होने वाले उद्योगों में काम करने वाले लोगों की नौकरियों पर भारी संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि तकरीबन इन तमाम सेक्टर्स से 13 फीसदी से 36 प्रतिशत तक नौकरियां खत्म हो सकती हैं. सीएम स्टालिन के मुताबिक, कपड़ा क्षेत्र पर अमेरिकी टैरिफ का असर सबसे ज्यादा चिंताजनक है. गाइडेंस तमिलनाडु का अनुमान है कि अकेले इस सेक्टर को 1.62 अरब डॉलर (करीब 14,279 करोड़ रुपये से ज्यादा) का नुकसान हो सकता है.

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कपड़ा निर्यात में तमिलनाडु अव्वल
गौरतलब है कि तमिलनाडु भारत के कुल कपड़ा निर्यात में 28 फीसदी का योगदान देता है, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक है और ये क्षेत्र राज्य के लाखों परिवारों का भरण-पोषण करने वाला एक महत्वपूर्ण आर्थिक आधार भी है. आंकड़ों पर नजर डालें, तो तिरुप्पुर जिले में, जहां कपड़ा उद्योग में 65 फीसदी महिलाएं कार्यरत हैं, इस उद्योग ने पिछले साल 40,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की. यह क्षेत्र रंगाई, रसद, पैकेजिंग और मशीनरी उद्योगों के एक व्यापक ईकोसिस्टम का भी समर्थन करता है.

सीएम ने की स्पेशल पैकेज की डिमांड
मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 16 अगस्त को की गई अपनी अपील को दोहराया, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु के लिए एक विशेष राहत पैकेज, मानव निर्मित फाइबर पर जीएसटी सुधार, आरओडीटीईपी स्कीम में बढ़ोतरी समेत कई डिमांड की थीं. उन्होंने अमेरिकी बाजार में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अफ्रीका के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स और द्विपक्षीय व्यापार समझौतों में तेजी लाने का भी आग्रह किया. 

इस बीच उन्होंने कपास आयात पर 11 फीसदी कस्टम ड्यूटी को 31 दिसंबर तक अस्थायी रूप से स्थगित करने के केंद्र सरकार के फैसले को एक सकारात्मक कदम बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इससे अमेरिकी टैरिफ से उपजे व्यापक संकट का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही हल हुआ है. उन्होंने कहा कि जब तक शुल्क वापस नहीं लिए जाते या अन्य प्रोत्साहनों के जरिए नुकसान की भरपाई नहीं की जाती, यह राहत ज्यादा समय तक नहीं रहेगी.

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