नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया सिस्टम पेश किया है. यह नई सुविधा इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पैन और बैंक अकाउंट वैलिडेशन को लेकर है. यह सुविधा टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी मददगार होने वाली है. अब उन्हें टैक्स रिटर्न भरने के बाद रिफंड के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा. ई-फाइलिंग वेबसाइट पर इसकी मदद से पैन-बैंक अकाउंट लिंक वेरिफाई जल्द हो जाएगा.
NPCI के एक लेटर में कहा गया है कि इसका टारगेट बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) से सीधे पैन डिटेल, बैंक अकाउंट स्टेटस और अकाउंट होल्डर्स की पहचान के वास्तविक समय के वेरिफिकेशन को आसान बनाना है. नई सुविधा का ऐलान 17 जून, 2025 के परिपत्र किया गया है.
कैसे काम करता है ये सिस्टम?
सर्कुलर में कहा गया है कि NPCI ने अब एक नया PAN और बैंक खाता सत्यापन API पेश किया है, जिसे खासतौर पर सरकारी विभागों के लिए डिजाइन किया गया है. यह एपीआई बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम से सीधे पैन डिटेल, बैंक अकाउंट स्टेटस और अकाउंट होल्डर्स के नाम का सही समय पर सत्यापन करने की सुविधा देता है. यह पैन और बैंक अकाउंट डिटेल को रीयल टाइम पर वेरिफाई करता है और टैक्सपेयर्स के रिफंड को जल्दी से प्रोसेस में आगे बढ़ाता है.
नई सुविधा से कैसे रिफंड जल्दी मिलेगा?
यह सुविधा आयकर रिफंड और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को तेज और बिना गलती प्रॉसेस करने में सक्षम करेगी, जिससे डिटेल्स तुरंत वेरिफाई होंगे, कम समय लगेगा और फ्रॉड का रिस्क भी कम होगा. हालांकि बैंकों को NPCI के सुरक्षित API मानकों का अनुपालन करने के लिए अपने सिस्टम को अपग्रेड करना होगा.
बैंकों की ओर से यह बदलाव करने के बाद टैक्सपेयर्स को तेज, बिना गलती रिफंड प्रॉसेस से लाभ होगा. बैंक के इस बदलाव से सिस्टम अपग्रेड होगा और संभावित साइबर फ्रॉड रिस्क जैसी चुनौतियां हो सकती हैं. यह बदलाव, भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की एक पहल का हिस्सा है.
रिटर्न फाइल करने के बाद कब आता है रिफंड?
असेसमेंट ईयर 2025-26 के तहत आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी डेट 15 सितंबर 2025 है. इस डेट तक भरे हुए आयकर रिटर्न के ही रिफंड जारी किए जाएंगे. इनकम टैक्स के अनुसार अगर आप टैक्स रिटर्न भरते हैं तो इसे प्रॉसेस करने में कुछ समय लगता है. अक्सर टैक्स रिफंड 15 से 20 दिनों के भीतर जारी कर दिया जाता है.