भारत की कृषि उत्पादन की नहीं बल्कि अधिकता की शिकार है. फल, दूध, सब्जी, अंडे इत्यादि का उत्पादन क्षमता से ज्यादा है. वहीं देश में मौजूदा और पूर्व की सरकारों ने फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को समय के साथ विकसित नहीं किया है. इसके चलते कृषि क्षेत्र पर यह अजीब चुनौती खड़ी हो गई है. इंडिया टुडे के संपादन अंशुमान तिवारी ने कहा कि देश की सरकारों को चाहिए वह खुद समय के साथ रहे और कृषि क्षेत्र का वास्तविक आंकलन करें जिसके बाद ही कृषि और किसान के अच्छे दिन आएंगे.