केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट शुक्रवार पेश कर दिया. इस बजट में महिलाओं से लेकर घर खरीद पर छूट जैसे ऐलान किए गए, लेकिन इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का काई बदलाव नहीं किया गया. साथ ही पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपये सेस बढ़ा दिया गया है.
इस बजट पर आर्थिक विशेषज्ञ सुनील अलख ने बताया कि वह इस बजट से बहुत निराशा हुई. इस बजट से किसी को भी कोई फायदा नहीं दिखाई दे रहा है.
बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने बताया कि ईमानदारी से टैक्स देने वालों का सरकार सम्मान करती है और उन्हें धन्यवाद देती है. साथ ही उन्होंने बताया कि डायरेक्ट टैक्स राजस्व पिछले कुछ वर्षों में 78 फीसदी बढ़ गया है. बावजूद इसके बजट में टैक्स पेयर्स के लिए किसी तरह की छूट का प्रस्ताव नहीं किया गया.
दूसरी तरफ कॉरपोरेट टैक्स की सीमा में बदलाव किया गया है. 250 करोड़ के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों का दायरा बढ़ाकर 400 करोड़ सालाना टर्नओवर तक कर दिया गया है. इन कंपनियों पर पर 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स लगाया जाएगा.
वहीं, अब 2 से 5 करोड़ रुपये सालाना कमाने वालों को 3 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा. इसके अलावा 5 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना आमदनी वालों को 7 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा. वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर पहुंचना है तो इस बजट के अंदर बदलाव होने चाहिए थे, लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है.
वहीं, विशेषज्ञ अमित राणा ने बताया कि टैक्स पर काफी उम्मीद थी लेकिन वैसा कुछ देखने को नहीं मिला. रहेजा ग्रुप के चेयरमैन नवीन रहेजा ने होम लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने के फैसले को बहुत बड़ा निर्णय बताया है. अगले नौ महीने में जो लोग घर खरीदेंगे, उन्हें पहली बार ऐसा मौका मिलेगा.
रेडिक्स अस्पताल के सीएमडी रवि मलिक ने बताया कि हेल्थ सेक्टर के बारे में कुछ नहीं बोला गया. यहां तक कि मैं एक अक्षर भी नहीं लिख पाया. रवि मलिक ने नए एम्स की उम्मीद भी जताई थी, लेकिन इस बारे में भी कुछ नहीं कहा गया.