'लंबे सफर' पर टकटकी लगाए बैठे रेल मंत्री सुरेश प्रभु भले ही किराया कम ना कर पाए. लेकिन लोगों को उनसे उम्मीद है कि सुरेश प्रभु 3S फॉर्मूला-सफाई, सुविधा और सुरक्षा पर जोर दें. गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) की रिपोर्ट पर नजर दौड़ाएं, तो रेल अपराध से जुड़े कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएंगे.
महज दो साल में रेलवे पुलिस ने अपराध के 75,289 मामले दर्ज किए. इनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश में सामने आए. इस फेहरिस्त में मध्य प्रदेश भले ही तीसरे नंबर पर है. लेकिन पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा इसी राज्य में रेलवे क्राइम का ग्राफ बढ़ा है. साल 2011 से 2013 तक की रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर उभर कर सामने आई है-

रेलवे में होने वाले अपराध में चोरी के मामलों ने 70.2 फीसदी योगदान दिया है. रेप के मामले भले ही एक फीसदी से कम रहे, लेकिन 132 लड़कियों को जबरन उठाए जाने के केस दर्ज किए गए.

ट्रेन में लूट-डकैती के मामले में महाराष्ट्र अव्वल है. तो वहीं, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अपहरण के मामले होते हैं. महाराष्ट्र ट्रेन में होने वाली रेप की घटनाओं में भी नंबर वन पोजिशन पर है.
साल 2013-14 में करीब 847 करोड़ लोगों ने रेल रेल से सफर किया. इसके सामने भले की रेल क्राइम की संख्या छोटी हो. लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.