कांग्रेस ने रेल किराये और माल भाड़े में एकमुश्त बढ़ोत्तरी के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया. कांग्रेस ने इसे इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी बढोत्तरी करार दिया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की.
कांग्रेस महासचिव और मीडिया विभाग के प्रमुख अजय माकन ने बीजेपी के नारे अच्छे दिन आने वाले हैं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी सरकार का तोहफा मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों के कंधे पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है. माकन ने संप्रग सरकार द्वारा रेल किराये में की गई बढ़ोत्तरी पर मोदी के सात मार्च 2012 को किये गये ट्वीट का भी उल्लेख किया.
उन्होंने मोदी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गये पत्र के एक हिस्से का हवाला दिया कि यह फैसला रेल मंत्रालय, उर्जा मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के बीच व्यापक खाई को भी दर्शाता है. यह प्रधानमंत्री द्वारा समन्वय के लिए बनायी गयी एक उच्च स्तरीय समिति के बावजूद है.
माकन ने कहा, 'मैं यह पूछना चाहता हूं जिस समन्वय की कमी के बारे में उन्होंने लिखा था वह अभी भी है. जब वे विपक्ष में थे तो उन्होंने कुछ और कहा था और अब सत्ता में आने पर वह इसके विपरित कर रहे हैं.' बजट से पहले उठाये गये कड़े कदम के तहत रेल मंत्रालय ने सभी श्रेणियों के यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़ा दरों में 6.5 प्रतिशत की भारी वृद्धि कर दी. यह वृद्धि 25 जून से लागू होगी.
माकन ने कहा कि किराया बढोत्तरी का फैसला ऐसे समय में हुआ है जब प्याज और आलू की कीमतें आसमान छू रही हैं. साथ ही इराक के मौजूदा हालात को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर प्रभाव पड़ने की आशंका है.