RJD नेता और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने अपनी भांजी रोहिणी आचार्या के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो सही है और जो गलत है, उसकी जांच ज़रूर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने वैसा कहा है जैसा रोहिणी दावा कर रही हैं, तो यह बिल्कुल गलत है.
साधु यादव ने कहा, 'वह परिवार की बेटी है और उम्र में भी बड़ी है. अगर किसी ने उससे गलत व्यवहार किया है, तो वह गलत है. उसे पूरा अधिकार है कि वह जो सही समझे, वही फैसला ले.'
'यह रोहिणी का भी घर है'
उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि घर में रहने वाले सदस्य को घर के नियमों के अनुसार ही रहना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर आप मेरे घर में रहेंगे तो क्या मेरे अनुसार नहीं चलेंगे? अगर नहीं चलेंगे तो बाहर कर दिए जाएंगे. यह रोहिणी का भी घर है. उसके माता-पिता और भाई-बहन वहीं रहते हैं. उसे पूरा अधिकार है कि वह उस व्यक्ति को बाहर करे जिसने उसे घर छोड़ने पर मजबूर किया.'
साधु यादव ने स्पष्ट कहा कि रोहिणी को अपने ही घर में किसी बाहरी व्यक्ति के रहने पर आपत्ति जताने और उसे बाहर करने का पूरा हक है. उन्होंने कहा कि परिवार के भीतर जो भी विवाद है, उसकी निष्पक्ष जांच कर ही सच्चाई सामने आएगी.
क्या है पूरा मामला?
बिहार चुनाव में मिली बड़ी हार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और लालू प्रसाद यादव के परिवार के भीतर पुरानी दरारों को खुलकर सामने ला दिया है. 75 से घटकर 25 सीटों तक सिमटने के बाद पार्टी के भीतर तनाव लगातार बढ़ रहा था, जो 15 नवंबर को गंभीर पारिवारिक टकराव में तब्दील हो गया. इस पूरे विवाद की दिशा तेजस्वी यादव और उनकी राजनीतिक टीम की ओर घूम गई है, जिन पर हार की मुख्य जिम्मेदारी डाली जा रही है.
'तेजस्वी की टीम ने चुनाव खराब किया'
परिवार से जुड़े लोगों के अनुसार, लालू प्रसाद और राबड़ी देवी पहले से ही तेजस्वी की सलाहकार टीम के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे. चुनाव परिणाम आने के बाद असंतोष और गहरा गया. इसी बीच रोहिणी आचार्य ने खुलकर कहा कि संजय यादव और उनकी टीम के कारण RJD को करारी पराजय झेलनी पड़ी. तेजस्वी ने इन आरोपों से इनकार किया, लेकिन तनाव बढ़ता ही गया.
संजय यादव के साले को PA बनाने पर उठे सवाल
रोहिणी ने आगे यह भी तंज कसा कि तेजस्वी पूरी तरह संजय यादव पर निर्भर रहते हैं, और इसी वजह से पार्टी की रणनीति कमजोर हुई. उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर संजय के साले सुमित को तेजस्वी का निजी सहायक क्यों बनाया गया.
परिवारिक बैठक में बढ़ा विवाद, चप्पल उठाने की नौबत
स्थिति तब बिगड़ी जब रोहिणी ने संजय के नजदीकी रमीज और अदनान के हस्तक्षेप पर भी नाराजगी जताई. बताया गया कि बहस इतनी तीखी हो गई कि तेजस्वी ने गुस्से में रोहिणी पर चप्पल उठाने की कोशिश की, जिसके बाद मीसा भारती ने किसी तरह मामला शांत कराया. तनाव बढ़ने पर रोहिणी घर छोड़ने को तैयार हो गईं, हालांकि राबड़ी देवी ने उन्हें रात में रोक लिया. अगले दिन वह दिल्ली लौट गईं.
राजनीति और परिवार दोनों से दूरी
चुनाव के एक दिन बाद रोहिणी ने सोशल मीडिया पर लंबा भावुक पोस्ट लिखते हुए दावा किया कि उन्हें अपमानित किया गया, गालियां दी गईं और चप्पल से मारने की कोशिश की गई. उन्होंने लिखा कि अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उन्हें मायके को छोड़ना पड़ा. रोहिणी ने कह कि मैं अपने माता-पिता और बहनों को रोता छोड़कर आई हूं. मुझे मजबूर किया गया, मेरे सम्मान पर चोट की गई. इस पीड़ा में कोई मेरे साथ नहीं खड़ा हुआ.