राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की 28वीं स्थापना दिवस पर पटना के बापू सभागार में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने चुनाव आयोग की विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने लोगों से स्पष्ट रूप से अपील की कि वे वोटर ID के अलावा कोई अन्य दस्तावेज ना दिखाएं.
राबड़ी देवी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, 'केंद्र और बिहार सरकार मिलकर गरीबों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश कर रही है. विधानसभा चुनाव से पहले यह अभियान चलाकर गरीबों को सूची से बाहर करने की योजना है.'
राबड़ी देवी ने नाराजगी जताई
राबड़ी देवी ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि लोगों से उनके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया, 'अगर किसी के परिवार के सदस्य अब जीवित नहीं हैं, तो वे ऐसे दस्तावेज कहां से लाएं?'
उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया लोगों को भ्रमित करने और मतदान से वंचित करने के लिए चलाई जा रही है. उन्होंने सवाल उठाया, जब पिछले 20 वर्षों से यह विशेष पुनरीक्षण नहीं हुआ और 11 वर्षों से केंद्र में मोदी सरकार है, तो अचानक एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई?
इस मौके पर लालू प्रसाद यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पुनः चुना गया, और उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी को पुनर्गठित करने का अधिकार भी दिया गया. बैठक में लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. केरल इकाई के प्रमुख एमवी श्रेयांस कुमार सहित देशभर से आए प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया.
राबड़ी देवी के इस बयान को आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां विपक्ष मतदाता अधिकारों को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है.