दिल्ली में आक्रामक और रेबीज प्रभावित कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) और दिल्ली सरकार ने संयुक्त रूप से एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद एमसीडी ने तेजी दिखाते हुए 15 दिनों के भीतर पांच नई साइटों को चिह्नित किया है, जहां आधुनिक डॉग सेंटर स्थापित किए जाएंगे. ये साइटें हैं- द्वारका सेक्टर-29, बेला रोड, मुढेला, गाजीपुर और बिजवासन.
इनमें से द्वारका सेक्टर-29 और बेला रोड पर एमसीडी की अपनी जमीन है, जबकि मुढेला, गाजीपुर और बिजवासन की साइटें दिल्ली सरकार ने उपलब्ध कराई हैं. इस पहल का मकसद जनसुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ पशु कल्याण को बढ़ावा देना है. प्रत्येक सेंटर में 2500 से 3000 कुत्तों को रखने की क्षमता होगी. इन सेंटर्स में आक्रामक कुत्तों को रखने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिसमें रेबीज जैसे संक्रामक रोगों के लक्षण दिखाने वाले कुत्तों के लिए अलग से आइसोलेशन क्षेत्र बनाया जाएगा.
एमसीडी के सूत्रों के अनुसार, इन सेंटर्स में कुत्तों की देखभाल, टीकाकरण, नसबंदी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी. नए सेंटर बनने तक आक्रामक कुत्तों को अस्थायी रूप से मौजूदा एनिमल बर्थ कंट्रोल (ACB) सेंटर्स में रखा जाएगा. इन सेंटर्स में पहले से ही नसबंदी और टीकाकरण जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन आक्रामक कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अतिरिक्त सुविधाओं की जरूरत महसूस की गई. यह कदम दिल्ली में हाल के वर्षों में कुत्तों के हमलों और रेबीज के मामलों में वृद्धि को देखते हुए उठाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया था, क्योंकि कई इलाकों में आवारा कुत्तों के हमलों से नागरिकों में डर का माहौल है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर होने वाले हमलों ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है. एमसीडी का कहना है कि ये सेंटर न केवल कुत्तों को नियंत्रित करेंगे, बल्कि उनके साथ मानवीय व्यवहार भी सुनिश्चित करेंगे. पशु कल्याण संगठनों ने भी दिल्ली सरकार और एमसीडी की इस संयुक्त पहल को सराहा है. लेकिन साथ ही यह मांग की है कि सेंटर्स में कुत्तों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए.