बिहार के लखीसराय जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति एक बार फिर उजागर हुई है. एंबुलेंस न मिलने के कारण एक घायल मजदूर को उसके साथी ठेले पर लिटाकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हो गए. यह मामला मंझिलपुर इलाके का है, जहां पंडाल लगाने के दौरान मजदूर बिरजू छत से गिर गया और उसका पैर टूट गया.
घटना के बाद मजदूरों ने तुरंत एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन नंबर बार-बार नोट रिचेबल बताता रहा. कई कोशिशों के बाद भी कोई मदद नहीं मिली. थक हार कर मजदूरों ने प्राइवेट एंबुलेंस की तलाश की, लेकिन अधिक किराया मांगने पर वह भी संभव नहीं हो सका.
मजदूर को नहीं मिली सरकारी एंबुलेंस
आखिरकार, बिरजू को एक ठेले पर सुलाकर उसके दोस्तों ने पांच किलोमीटर तक ठेला धकेलते हुए सदर अस्पताल पहुंचाया. रास्ते में उन्हें भारी जाम से भी गुजरना पड़ा. घायल मजदूर के दोस्त नीतीश कुमार ने बताया कि कई बार कॉल किया लेकिन फोन नहीं लगा. मजबूरी में ठेले से अस्पताल लाना पड़ा.
ठेले पर लिटाकर मजूदर को अस्पताल पहुंचाया
सिविल सर्जन बीपी सिन्हा ने माना कि कभी कॉल नहीं लगता या फॉलोअप में दिक्कत आती है. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस की बुकिंग पटना से 102 नंबर पर होती है. कई बार तकनीकी कारणों से समस्या आती है. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में वह खुद क्लस्टर लीडर को निर्देश देते हैं कि मेरे नाम से बुकिंग करें और एंबुलेंस भेजी जाए.
(रिपोर्ट- बिनोद कुमार गुप्ता)