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बिहार: स्कूल की खिड़की में फंसी बच्चे की गर्दन, कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने निकाला- Video

बिहार के कटिहार जिले में मंगलवार को छुट्टी के बाद एक बच्चे की गर्दन स्कूल की खिड़की में फंस गई. जिसके बाद बच्चा रोने लगा और बच्चे की हालत खराब हो गई. मामले में स्कूल स्टाफ की भी लापरवाही सामने आई है.

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खिड़की में फंसे बच्चे को निकालते ग्रामीण. (Photo: Screengrab)
खिड़की में फंसे बच्चे को निकालते ग्रामीण. (Photo: Screengrab)

बिहार के कटिहार जिले में मंगलवार को छुट्टी के बाद एक बच्चे की गर्दन स्कूल की खिड़की में फंस गई. जिसके बाद बच्चा रोने लगा और बच्चे की हालत खराब हो गई. हालांकि, स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे की गर्दन को एक घंटे से भी ज्यादा की मशक्कत के बाद निकाल लिया गया. इस मामले में स्कूल की लापरवाही भी सामने आई है. क्योंकि बच्चा स्कूल में सो रहा था और छुट्टी के बाद स्टाफ बिना उसे निकाले ही गेट लॉक करके चला गया.

छात्र का नाम गौरव कुमार (7 वर्ष) है और पूरा मामला ताजगंज फसिया वार्ड नंबर 45 के प्राथमिक विद्यालय का है. यहां बच्चा क्लास 3 में पढ़ता है. जानकारी के अनुसार स्कूल में 4 बजे छुट्टी हो गई. रोज की तरह स्कूल के सभी बच्चे, शिक्षक, शिक्षिकाएं और प्रधान छुट्टी के बाद स्कूल के सभी जगहों पर ताला बंद कर अपने-अपने घर चले गए. लेकिन क्लास 3 में पढ़ने वाला छात्र गौरव अपने क्लास रूम में ही सोता रह गया. नींद खुलते ही छात्र ने देखा कि क्लास रूम के दरवाजे में ताला लगा हुआ है. साथ ही छात्र समेत सभी लोग भी स्कूल में ताला बंद कर चले गए हैं. 

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खिड़की में फंसने की वजह से बच्चे की हालत हो गई थी खराब

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खुद को क्लासरूम में बंद पाने की वजह से गौरव डर गया. ऐसे में वह किसी तरह से स्कूल से बाहर निकलना चाह रहा था. बाहर निकलने के लिए उसने क्लास रूम की खिड़की में लोहे के बीच बने जगह में अपना पैर डाल दिया. हालांकि, पैर और पूरा शरीर तो निकल गया. लेकिन गर्दन फंस गई. ऐसी स्थिति में बच्चा न तो बाहर निकल पा रहा था और न ही वापस अंदर ही जा पा रहा था. एक घंटे तक वह खिड़की में फंसा रहा और उसकी हिम्मत टूटने लगी.

हालांकि, इस बीच संयोगवश स्कूल परिसर के बाहर कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे. उनकी गेंद स्कूल के बाउंड्री के अंदर चली गई. क्रिकेट खेल रहे बच्चे गेंद लेने के लिए स्कूल की बाउंड्री को फांदकर अंदर घुस गए. इस दौरान उन्हें बच्चे की रोनी की आवाज आई. इस पर उन्होंने देखा कि बच्चा खिड़की में फंसा हुआ है. जिसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को सूचना दी. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पहले स्कूल के मेन गेट का ताला तोड़ा. इसके बाद क्लास रूम का ताला तोड़ा. फिर बच्चे का रेस्क्यू किया.

स्थानीय लोगों ने स्कूल स्टाफ पर लगाया लापरवाही का आरोप

स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर बच्चों की गेंद नहीं जाती तो बड़ा हादसा हो जाता. ऐसे में इसका जिम्मेवार कौन होता? स्कूल में छुट्टी होने के बाद सभी क्लास रूम में बच्चे को बिना चेक किए ताला कैसे जड़ दिया गया?

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