scorecardresearch
 

तेजस्वी को बहुत चुभेगी 31 सीटों की हार, 2020 में 10 हजार वोट के मार्जिन से मिली थी जीत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की भारी जीत के बीच आरजेडी को सबसे बड़ा झटका अपने पारंपरिक गढ़ों में लगा. 2020 में बढ़त वाली 75 सीटों में से 55 इस बार हाथ से निकल गईं. 29 सिटिंग विधायक हार गए और कई सीटों पर वोट बढ़ने के बावजूद पार्टी को हार मिली.

Advertisement
X
आरजेडी के 29 सिटिंग विधायकों को हार मिली है. (Photo- ITG)
आरजेडी के 29 सिटिंग विधायकों को हार मिली है. (Photo- ITG)

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की बड़ी जीत ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल दी है. इस चुनाव में एनडीए का दबदबा इतना बड़ा रहा कि उसने उन सीटों पर भी जीत हासिल कर ली, जहां पिछले चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली आरजेडी ने आरामदायक जीत दर्ज की थी. 2020 में आरजेडी की जिन सीटों पर मजबूत पकड़ मानी जाती थी, वे भी इस बार बड़ी संख्या में एनडीए के खाते में चली गईं.

2020 के बिहार चुनाव में आरजेडी ने कुल 75 सीटें जीती थीं. इनमें से 45 सीटों पर पार्टी को 40% से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि 47 सीटों पर उसकी जीत का अंतर कम से कम 10,000 वोटों का था. यानी यह वे सीटें थीं जिन्हें आरजेडी का "कोर स्ट्रॉन्ग जोन" माना जाता था. इस बार आरजेडी ने इन 75 में से 73 सीटों पर दोबारा प्रत्याशी उतारे, लेकिन इनमें से 55 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा. इन 55 में से 25 से अधिक सीटें जेडीयू के खाते में चली गई.

यह भी पढ़ें: तेजस्वी यादव की RJD को BJP और JDU से ज्यादा वोट शेयर मिला, लेकिन सीटें कम जानिए क्यों

आरजेडी की हार के पैटर्न में सबसे बड़ा झटका उन 31 सीटों पर दिखा जहां 2020 में पार्टी 10,000 से ज्यादा वोटों से जीती थी. इनके अलावा, पार्टी ने उन 4 सीटों पर भी हार मिली है, जहां उसका वोट शेयर पिछले चुनाव में 50% से ज्यादा था. चौंकाने वाली बात यह भी रही कि आरजेडी को इस बार 24 सीटों पर 40% से अधिक वोट मिलने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा है. यही नहीं, 15 सीटों पर पार्टी का वोट शेयर 2020 की तुलना में बढ़ा, फिर भी पार्टी यहां जीत से चूक गई.

Advertisement

29 सिटिंग विधायक चुनाव हारे

कुल मिलाकर आरजेडी के 29 मौजूदा विधायक इस बार चुनाव हार गए. यह आंकड़ा बताता है कि पार्टी अपने पारंपरिक वोट बैंक को भी बचाने में सफल नहीं रही. वोट शेयर के लिहाज से देखें तो 8 सीटों पर आरजेडी को कम से कम 10 प्रतिशत अंकों का सीधे-सीधा नुकसान हुआ. नवादा जिले के गोविंदपुर में यह गिरावट सबसे ज्यादा 21.71 प्रतिशत रही.

यह भी पढ़ें: बिहार की नई विधानसभा में आधे से ज्यादा विधायक दागी, 42% पर गंभीर आपराधिक केस- रिपोर्ट

अनंत सिंह को रिप्लेस करना पड़ा महंगा

आरजेडी के भीतर टिकट बदलने की रणनीति भी इस बार भारी साबित हुई. पार्टी को जिन 55 सीटों पर हार मिली, उनमें से 26 सीटों पर उसने अपने 2020 के विजेताओं की जगह नए उम्मीदवार उतारे थे. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है मोकामा सीट, जहां 2020 में आरजेडी के प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार आरजेडी ने उनका टिकट काट दिया. दिलचस्प यह कि अनंत सिंह इस बार जेडीयू उम्मीदवार बने और जेल में होने के बावजूद आरजेडी के नए प्रत्याशी को हरा दिया.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement