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बिहार विधानसभा का नया सत्र 1 दिसंबर से, 2 तारीख को होगा स्पीकर का चुनाव

बिहार विधानसभा का नया सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा. पहले दिन प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव सभी 243 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. उसी दिन स्पीकर पद के लिए नामांकन होगा और नाम वापसी होगी. अगले दिन यानी 2 दिसंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा.

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बिहार की 18वीं विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव 2 दिसंबर को होगा. (File Photo: PTI)
बिहार की 18वीं विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव 2 दिसंबर को होगा. (File Photo: PTI)

बिहार की 18वीं विधानसभा के पहले सत्र की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के आदेश के बाद विधानसभा सचिवालय ने शनिवार देर शाम स्पीकर चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी. इसके अनुसार 18वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र 1 दिसंबर से शुरू होगा और अगले दिन यानी 2 दिसंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव होगा.

सत्र के पहले दिन 1 दिसंबर को सबसे पहले नवनिर्वाचित 243 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी. प्रोटेम स्पीकर के रूप में वरिष्ठ जदयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को नियुक्त किया गया है. वे सबसे पहले खुद शपथ लेंगे और उसके बाद बाकी सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण के बाद उसी दिन स्पीकर पद के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया होगी. नामांकन वापसी का भी उसी दिन मौका रहेगा. 2 दिसंबर को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर का चुनाव कराया जाएगा. 

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यदि एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में रहे तो मत विभाजन से स्पीकर चुना जाएगा. नए स्पीकर के चुने जाने तक प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ही सदन का संचालन करेंगे. स्पीकर पद के लिए सत्तारूढ़ एनडीए की ओर से अभी तक आधिकारिक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान मंत्री प्रेम कुमार को विधानसभा का नया स्पीकर बनाया जा सकता है. जदयू कोटे से वरिष्ठ विधायक विजय कुमार चौधरी या विजेंद्र यादव के नाम चर्चा में हैं. पिछली बार भी जदयू के विजय कुमार चौधरी ही स्पीकर थे.

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विपक्षी महागठबंधन की ओर से अभी स्पीकर चुनाव लड़ने का कोई संकेत नहीं मिला है. चूंकि महागठबंधन को कुल जमा 36 सीटें ही आई हैं, जिस कारण वह स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने की स्थिति में ही नहीं है. जैसे तैसे आरजेडी 1 सीट के अंतर से विपक्ष के नेता का पद बचाने में सफल रही है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए किसी दल को कुल 243 सीटों में से कम से कम 10 फीसदी सीटें जीतना जरूरी है. बिहार चुनाव में आरजेडी को 25 सीटें मिली हैं. एनडीए के पास 202 सीटों के साथ सदन में प्रचंड बहुमत है. वह आसानी से अपना स्पीकर चुन लेगा.

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