
Sarla Aviation Air Taxi: ज़रा सोचिए एक सुबह आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ऑफिस जाने का फैसला करते हैं. इसके लिए आपने कोई बस, टैक्सी या ऑटो नहीं बल्कि गली के पास बने एक छोटे से ‘वर्टिपोर्ट’ से एक इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी पकड़ी. बिना किसी ट्रैफिक जाम या थकान के कुछ मिनटों में ही हवा में उड़ते हुए आप दफ्तर पहुंच जाते हैं. ऐसा दृश्य अब तक साइंस-फिक्शन फिल्मों में ही दिखता रहा है, लेकिन भारत में यह सपना हक़ीक़त बनने जा रहा है. और कहानी शुरू होती है आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से, जहां देश की पहली गीगा-स्केल इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी फैक्ट्री बनने जा रही है.
दरअसल, बेंगलुरु की सरला एविएशन ने घोषणा की कि वह आंध्र प्रदेश में 500 एकड़ में एक बड़ा एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग हब लगाने जा रही है. इसके लिए कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर भी कर लिया है. राज्य सरकार के साथ हुए समझौते के मुताबिक यहां भारत का पहला गीगा-स्केल इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर तैयार होगा. यह परियोजना 1,300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत के मॉडर्न एविएशन हिस्ट्री में सबसे बड़ी छलांग साबित हो सकती है.

इस एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का नाम 'स्काई फैक्ट्री' रखा गया है. यह न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े eVTOL मैन्युफैक्चरिंग सेंटर्स में से एक होगा. eVTOL यानी ऐसे इलेक्ट्रिक विमान जो वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग करने में सक्षम होते हैं. आने वाले समय में यही शहरी मोबिलिटी की रीढ़ बनने वाले हैं. दुनिया के कई देशों में eVTOL एयरक्रॉफ्ट पर काम हो रहा है. जो एयरकार और एयर टैक्सी की शक्ल में आसमान में उड़ाने भरने वाले हैं. राज्य सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट भारत को एडवांस्ड एविएशन टेक्नोलॉजी के ग्लोबल मैप पर मजबूती से स्थापित कर देगा.
जब यह कैंपस पूरी तरह तैयार हो जाएगा, तब यह भारत का पहला ऐसा इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम बन जाएगा जहां eVTOL एयरक्राफ्ट का डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, टेस्टिंग, सर्टिफिकेशन, ट्रेनिंग और मेंटेनेंस, सबकुछ एक ही जगह होगा. इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 1,000 एयरक्राफ्ट तक होगी, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े eVTOL मैन्युफैक्चरिंग प्वाइंट्स में शामिल कर देगी.
सरला एविएशन के को-फाउंडर और CTO राकेश गायकवाड़ ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी Sky Factory भारत में बनाकर वे आने वाले समय की उड़ान को यहीं से तैयार करना चाहते हैं. उनका कहना है कि यह मेगा फेसिलिटी हज़ारों हाई-स्किल नौकरियां पैदा करेगी और भारत को सस्टेनेबल एविएशन ट्रांसपोर्ट का ग्लोबल लीडर बनाने में मदद करेगी. उनका विज़न साफ़ है, भारत में ही सबसे एडवांस्ड eVTOL सिस्टम का डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, टेस्टिंग और ऑपरेशन हो.
कंपनी का कहना है कि दुनिया में अभी बहुत कम क्षेत्र ऐसे हैं जहां eVTOL क्लस्टर डेवलप हो रहे हैं. कैलिफ़ोर्निया और म्यूनिख के बाद अब अनंतपुर भी इस ग्लोबल लिस्ट में शामिल होने जा रहा है. इसे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की विज़नरी लीडरशिप का नतीजा बताया जा रहा है.

Sky Factory में इंटरनेशनल लेवल के एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे. यहां कंपोज़िट्स, पावरट्रेन, वायर हार्नेस, फ्लाइट-कंट्रोल कंप्यूटर, लैंडिंग-गियर सिस्टम जैसे सभी कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी. इसी कैंपस में भारत की सबसे बड़ी विंड टनल बनाई जाएगी. इसके अलावा एक 2 किलोमीटर लंबा रनवे और खास तौर से तैयार किए गए VTOL टेस्टिंग पैड भी होंगे. साथ ही यहां रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब्स, सिमुलेशन सेंटर, पायलट ट्रेनिंग यूनिट्स और MRO सुविधाएं भी होंगी.
यह पूरा कैंपस ग्रीन टेक्नोलॉजी के इर्द-गिर्द डिजाइन किया जा रहा है. इसमें रेनुएबल एनर्जी सिस्टम, वाटर-रिसाइक्लिंग और ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज टेक्नोलॉजी शामिल होगी. बड़ी ग्रीन बेल्ट और बायोडायवर्सिटी ज़ोन भी तैयार किए जाएंगे.
सरला एविएशन आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर सर्टिफिकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काम कर रही है. इसके तहत UAM कॉरिडोर और वर्टिपोर्ट्स डेवलप किए जाएंगे. लक्ष्य है कि 2029 तक दक्षिण भारत के बड़े शहरों में कमर्शियल एयर टैक्सी सेवाएं शुरू की जा सकें. इस Sky Factory के शुरू होने से भारत की एयरोस्पेस वैल्यू चेन मजबूत होगी. लोकल MSME सेक्टर को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा. खास बात यह है कि इससे इंपोर्टेड टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम होगी और भारत घरेलू स्तर पर ही क्रिटिकल एयरक्राफ्ट कंपोनेंट्स का उत्पादन कर सकेगा.
सरला एविएशन ने इस साल भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में अपनी प्रोटोटाइप एयर टैक्सी शून्य (Shunya) को शोकेस किया था. ये एक eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग) वाहन है. जिसका वाहन एयर टैक्सी के तौर पर किया जाएगा. ये एयरटैक्सी सैकड़ों किलोमीटर की दूरी महज कुछ मिनटों में ही तय कर सकेगी.
कंपनी का कहना है कि, ये एयर टैक्सी 250 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवा में उड़ सकता है. इसे मॉर्डन बैटरी तकनीक के साथ 160 किमी के लिए डिज़ाइन किया गया है और ये 25-30 किमी की यात्रा करने में सक्षम है. इतना ही नहीं इसमें एक साथ 6 यात्री और एक चालक बैठ सकते हैं. ये एयर ट्रैक्सी अधिकतम 680 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है.
इस एयर टैक्सी का केबिन एडवांस फीचर्स और तकनीक से लैस होगा. इसे 6-सीटर और 4-सीटर कॉन्फिगरेशन के अलावा कार्गो के तौर पर भी कस्टमाइज किया जा सकेगा. जो न केवल यात्री वाहन के तौर पर इस्तेमाल होगा बल्कि माल वाहक के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा.