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सरकार की तैयारी... और जाग गई OLA! लॉन्च किया 0% कमिशन प्लान, कैब-ड्राइवर्स को मिलेगा 100% किराया

Ola Zero Commission Plan: ओला का कहना है कि, इस नए 'जीरो पर्सेंट कमिशन' (0% commission) मॉडल के तहत ड्राइवरों के पास अपना प्लान चुनने और बिना किसी कटौती के पूरा किराया रखने का विकल्प होगा. हालांकि इसे सरकार की तैयारियों का नतीजा भी माना जा रहा है. क्योंकि भारत सरकार जल्द ही सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म (Cooperative Taxi) भी लॉन्च करने वाली है.

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Ola Zero Commission Plan
Ola Zero Commission Plan

Ola Cab New Rule Zero Commission Plan: देश की प्रमुख राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म कंपनी ओला ने अपने कैब ड्राइवर्स के लिए एक बेहद ही अनोखा 'जीरो पर्सेंट कमिशन' (0% commission) मॉडल लॉन्च किया है. इस नए मॉडल के तहत ग्राहकों से मिलने वाली किराए की पूरी रकम कैब ड्राइवर्स को मिलेगी. कंपनी द्वारा जारी किए गए बयान में बताया गया कि, ये नया मॉडल बिना किसी राइड और आमदनी की लिमिट के साथ ऑटो, बाइक और कैब सहित सभी कैटेगरी के सर्विसेज में लागू होगी. 

Ola द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, ड्राइवरों के पास अपना प्लान चुनने और बिना किसी कटौती के पूरा किराया रखने का विकल्प होगा. इस नए प्लान के लॉन्च के साथ ही ओला भारत में पहला और एकमात्र राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म बन गया है जिसने पूरे देश में 0% कमीशन मॉडल लागू किया है, जिससे दस लाख से ज़्यादा ड्राइवर पार्टनर बिना किसी राइड या आय सीमा के किराए की 100% रकम अपने पास रख सकते हैं.

बता दें कि, इस जीरो कमिशन मॉडल को पहले ऑटो (Ola Autos) फिर बाइक सर्विसेज (Ola Bikes) और अब कैब सर्विसेज (Ola Cabs) के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है. कंपनी का कहना है कि, यह पहल ड्राइवर-पार्टनर्स के लिए असीमित कमाई की संभावना प्रदान करने के लिए तैयार की गई है, साथ ही इससे मोबिलिटी की दिशा में ऑटोनॉमी और सस्टेनेबिलिटी को भी बल मिलेगा.

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ओला कंज्यूमर के प्रवक्ता ने कहा, "पूरे भारत में 0% कमीशन मॉडल की शुरुआत राइड-हेलिंग बिजनेस एक बड़ा बदलाव लेकर आएगी. कमीशन हटाने से ड्राइवर पार्टनर्स को ज्यादा कमाई के मौके मिलेंगे. वे मोबिलिटी इकोसिस्टम की रीढ़ हैं और उन्हें अपनी कमाई पर पूरा कंट्रोल देने से देश भर में बेहतर और टिकाऊ राइड-हेलिंग नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी."

हालांकि अभी ओला की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है कि, इस जीरो कमिशन मॉडल को चुनने के लिए कैब ड्राइवर्स को क्या करना होगा? या इस मॉडल का लाभ उठाने के लिए उन्हें किसी तरह का कोई प्लान खरीदना होगा या नहीं. 

क्या सरकार की तैयारियों का नतीजा है ज़ीरो कमिशन प्लान?

बता दें कि, ओला के इस कदम को सरकारी की तैयारियों का नतीजा भी माना जा रहा है. बीते मार्च में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अपने एक भाषण में कहा था कि, भारत सरकार बहुत जल्द ही ओला-उबर जैसे टैक्सी सर्विसेज के तर्ज पर एक सरकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म शुरु करने जा रही है. उन्होंने कहा, "सहकारिता मंत्रालय इसे हकीकत बनाने के लिए पिछले साढ़े 3 साल से अथक प्रयास कर रहा है."

सरकार ला रही है सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म:

दरअसल संसद में अपने भाषण के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि, "सरकार बहुत जल्द ही आने वाले कुछ महीनों में ओला-उबर (Ola-Uber) जैसी एक सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म (Cooperative Taxi) शुरू करने वाली है. जो टू-व्हीलर, रिक्शा और फोर-व्हीलर का भी रजिस्ट्रेशन करेगी. इसका मुनाफा किसी धन्नासेठों के हाथ में नहीं जाएगा... बल्कि सीधे ड्राइवर के पास जाएगा."

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