ईरान पर ट्रंप के बदले-बदले बोल... अब इजरायल को चेताया, कहा- FORDOW को नहीं कर पाओगे नेस्तनाबूद

इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर 12 जून को धावा बोल दिया था. इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत अंजाम दिया गया. लेकिन इससे बौखलाए ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव सहित उसके रिहायशी इलाकों पर अटैक करना शुरू कर दिया. इससे दोनों ओर लगातार हमले हो रहे हैं.

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ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST

इजरायल और ईरान के बीच नौ दिनों से जंग बदस्तूर जारी है. दोनों ओर से एक-दूसरे पर हवाई हमले हो रहे हैं. शहर दर शहर तबाह हो रहे हैं. इजरायल का निशाना ईरान के न्यूक्लियर प्लांट हैं, जिन्हें तबाह करने के लिए उसने अमेरिका से मदद भी मांगी है लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है.

ईरान के खिलाफ इजरायल का साथ देने के लिए अमेरिकी फौजों को भेजने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि ये आखिरी विकल्प होगा. अभी हमारे पास अधिकतम दो हफ्ते का समय है. 

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उन्होंने कहा कि इजरायल के पास ईरान के अंडरग्राउंड फोर्डो (FORDOW) न्यूक्लियर प्लांट को अपने दम पर नेस्तनाबूद करने की क्षमता नहीं है. इजरायल के पास बहुत सीमित क्षमता है. वे फोर्दो का एक हिस्से को थोड़ा-बहुत ही नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन इसे खत्म नहीं कर सकते.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का दावा है कि ईरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी क्षमता है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ईरान के सुप्रीम लीडर के आदेश पर ईरान कुछ ही हफ्तों में न्यूक्लियर बम बना सकता है.

उन्होंने कहा कि तेहरान के पास न्यूक्लियर बम बनाने के लिए हर जरूरी सामान है. अगर ईरान परमाणु बम तैयार कर लेता है तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरा होगा और इससे खतरा बढ़ेगा. 

बता दें कि इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर 12 जून को धावा बोल दिया था. इस हमले को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत अंजाम दिया गया. लेकिन इससे बौखलाए ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव सहित उसके रिहायशी इलाकों पर अटैक करना शुरू कर दिया. इससे दोनों ओर लगातार हमले हो रहे हैं.

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इस बीच ईरान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस खोल दिया है. जंग के बीच ईरान में फंसे भारतीयों को सकुशल भारत लाया जा रहा है. ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाया जा रहा है. शुक्रवार रात को 290 भारतीयों को भारत लाया गया. इससे पहले 19 जून को 110 भारतीयों को लाया गया था. इस ऑपरेशन के तहत सरकार अगले दो दिनों में लगभग एक हजार भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू करेगी. 

फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट का निर्माण असल में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की सैन्य इकाई के तौर पर किया गया था. यह ईरान के कौम शहर के उत्तरपूर्व में है और पहाड़ के कई फीट नीचे है, जो इसे हवाई हमलों से सुरक्षित बनाता है.

फोर्डो का मुख्य काम यूरेनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) है, जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है. इससे परमाणु हथियार भी विकसित होते हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने बेहद गुप्त तरीके से फोर्डा का निर्माण किया 2009 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसकी जानकारी तब मिली, जब पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने इसका खुलासा किया.

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