यूपी में अब 6 जनवरी को आएगी SIR की ड्राफ्ट लिस्ट... जानें तारीख में क्यों हुआ बदलाव

निर्वाचन आयोग के अनुसार, अब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 06 जनवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी. पहले यह लिस्ट 01 जनवरी को जारी होनी थी. ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद वोटर अपने नाम, पते और अन्य विवरणों की जांच कर सकेंगे.

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आयोग ने बताया कि 06 जनवरी से 27 फरवरी 2026 तक सभी दावों और आपत्तियों पर कार्रवाई की जाएगी (Photo- Representational) आयोग ने बताया कि 06 जनवरी से 27 फरवरी 2026 तक सभी दावों और आपत्तियों पर कार्रवाई की जाएगी (Photo- Representational)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उत्तर प्रदेश में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR) कार्यक्रम की समय-सीमा में महत्वपूर्ण संशोधन किया है. इसके मुताबिक 1 जनवरी, 2026 के आधार पर तैयार की जा रही मतदाता सूची के लिए अब नई तारीख घोषित की गई हैं. चुनाव आयोग ने बताया कि तारीख में हुए इस बदलाव का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक सटीक, पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाना है.

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निर्वाचन आयोग के अनुसार, अब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 06 जनवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी. ड्राफ्ट लिस्ट जारी होने के बाद वोटर अपने नाम, पते और अन्य विवरणों की जांच कर सकेंगे.

आपत्ति दर्ज कराने की तारीख भी बढ़ी

संशोधित कार्यक्रम के तहत दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 06 जनवरी से 06 फरवरी 2026 तक तय की गई है. इस दौरान योग्य नागरिक जिनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है, वे नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं. वहीं, गलत प्रविष्टियों, मृत मतदाताओं के नाम या दोहरे पंजीकरण को लेकर भी आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी.

6 मार्च को जारी होगी अंतिम वोटर लिस्ट

इस दौरान नोटिस जारी किए जाएंगे, गणना प्रपत्रों पर निर्णय लिया जाएगा और आवश्यक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. बूथ लेवल अधिकारी और निर्वाचन अधिकारी इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे. सभी दावे और आपत्तियों के निस्तारण के बाद उत्तर प्रदेश की अंतिम मतदाता सूची 06 मार्च 2026 को प्रकाशित की जाएगी. यही सूची आगामी चुनावों में मतदान के लिए मान्य होगी.

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मतदाताओं के लिए जरूरी जानकारी

निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे ड्राफ्ट सूची जारी होने के बाद समय रहते अपनी प्रविष्टियों की जांच कर लें और किसी भी तरह की त्रुटि होने पर तय समय सीमा के भीतर दावा या आपत्ति दर्ज कराएं, ताकि मतदान के समय किसी तरह की परेशानी न हो.

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