UP Bypolls: 2027 यूपी चुनाव से पहले BJP को मिली संजीवनी, CM योगी की रणनीति ने किया कमाल

Bypolls Election Results: दरअसल बीजेपी ने इस बार उपचुनाव के दौरान पीडीए का काट अपने जातीय समीकरण से ढूंढा. बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के सभी ओबीसी कैंडिडेट के खिलाफ अपना भी बड़ा ओबीसी चेहरा उतारा. इसकी वजह से पीडीए जमीन पर नहीं चल पाया और उपचुनाव में शानदार जीत मिली.

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उपचुनावों में मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मिठाई खिलाते हुए उपचुनावों में मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मिठाई खिलाते हुए

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 24 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

यूपी बीजेपी को जिस जीत की शिद्दत से दरकार थी वह जीत लोकसभा चुनाव के महज कुछ महीने बाद ही मिल गई. बीजेपी 9 उपचुनाव में से 7 सीटें जीतकर हताशा से उबरती हुई दिखाई दे रही है. बीजेपी इन 9 में से 4 कठिनतम सीटों (करहल- कुंदरकी- कटहरी- सीसामऊ) पर चुनाव लड़ रही थी जो वह पिछले कई दशकों से नहीं जीती थी.

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इनमें भी कटेहरी और कुंदरकी की जीत देखकर ऐसा लगा मानो बीजेपी के भीतर की वह जीत की भूख वापस लौट आई है और चुनावी मशीन बनकर भाजपा एक बार फिर उत्साह से लबरेज है. अंदाजा लगाइए बीजेपी ने कटहरी 33 साल बाद जीता तो कुंदरकी 31 साल के बाद, यह इस बात का प्रतीक है कि कठिनतम सीटों को जीतने के लिए बीजेपी ने कौन सी रणनीति नहीं बनाई होगी और कितना पसीना नहीं बहाया होगा.

बीजेपी ने बदली अपनी रणनीति

लोकसभा चुनाव में योगी की जो आक्रामक शैली गायब थी वो "कटेंगे तो बटेंगे" के उनके देशव्यापी नारे के बाद यह वापस लौट आई है. हिंदुत्व का उनका मॉडल सर चढ़कर बोला है और पार्टी का आत्मविश्वास लौटा है.

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दरअसल बीजेपी ने इस बार पीडीए का काट अपने जातीय समीकरण से ढूंढा है और समाजवादी पार्टी के सभी ओबीसी कैंडिडेट के खिलाफ अपना भी बड़ा ओबीसी चेहरा उतारा. इसकी वजह से पीडीए जमीन पर नहीं चल पाया.

बीजेपी ने इस बार जमीन पर साम दाम दंड भेद सबका सहारा लिया, एक तरफ हिंदुत्व और भगवा की गोलबंदी की दूसरी तरफ संसाधनों से भरपूर रहने वाले मत्रियों को कटहरी जैसे चुनाव क्षेत्र में लगाया.

कुंदरकी में बीजेपी की बड़ी जीत
कुंदरकी में बीजेपी 144000 वोटों से ज्यादा से सपा को हराने में कामयाब रही. इस मुस्लिम बहुल सीट पर इस सीट पर मुसलमान ने भी बड़ी तादाद में बीजेपी को वोट दिया. करहल की सीट को भाजपा 2002 के बाद कभी नहीं जीत पाई है और इसे यादव परिवार के घर की सीट माना जाता है. यहां बीजेपी ने तेज प्रताप यादव को जबरदस्त चुनौती दी करहल में बीजेपी का वोट कई गुना बढ़ाया और पार्टी को महज 14 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा.

 बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री ने हार के बावजूद अनुजेश यादव को फोन कर बधाई दी और कहा कि बेशक आप कुछ वोटों से चुनाव हार गए हों लेकिन बीजेपी के लिए विधायक आप ही हैं, ये हमारे लिए जीत के समान है.

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डिप्टी सीएम मौर्या ने खिलाई योगी को मिठाई

2024 के लोकसभा चुनाव के हार का बदला कुछ हद तक इस उपचुनाव में बीजेपी ने ले लया. 9 में से 7 सीटों पर मिली बंपर जीत से उत्साहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  नतीजे के बाद जब लखनऊ के पार्टी दफ्तर आए तो माहौल जश्न का था. केशव मौर्य ने मुंह में लड्डू खिलाकर जीत का स्वाद बढ़ाया तो सीएम ने खुद पटाखे फोड़कर कार्यकर्ताओं के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया. 

जीत के बाद सीएम योगी ने कहा: 'तुष्टिकरण और सांप्रदायिकता के शॉर्ट कट से सरकार बनाने का सपना देखने वाले इंडिया गठबंधन की ये पराजय है.कुंदरकी पर बीजेपी की विजय राष्ट्रवाद की विजय और ये विजय विकास और विरासत की विजय है और मुझे लगता है ये भूले हुए लोग थे जिन्हें चुनाव में अपना गोत्र और जाती याद आई होगी.'

इस जीत ने बीजेपी के संगठन को भी संजीवनी दे दी है, लोकसभा चुनाव की हार से हताश बीजेपी का संगठन भी उत्साह से लबरेज है.प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने इस बार संगठन ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव किया और सभी 9 विधानसभा में प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं को 4 महीने पहले से ही जिम्मेदारी दे दी गई थी.हर बूथ पर 10 लोगों के नाम निकाले  जिन्होंने वोटिंग वाले दिन वोट निकालने का काम किया.

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