महराजगंज: स्कूल का मर्जर ना हो इसलिए बच्चों के रोने का फेक वीडियो बनाया! प्रिंसिपल सस्पेंड, BEO को नोटिस

Maharajganj News: महराजगंज जिले में सोची समझी साजिश के तहत छात्रों का वीडियो वायरल करने के आरोप में जिला प्रशासन ने प्राथमिक विद्यालय में तैनात महिला प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है.

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महराजगंज में स्कूल मर्जर पर बच्चों का रोते हुए वीडियो बनाया (Photo- Screengrab) महराजगंज में स्कूल मर्जर पर बच्चों का रोते हुए वीडियो बनाया (Photo- Screengrab)

अमितेश त्रिपाठी

  • महराजगंज ,
  • 23 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

यूपी के महराजगंज में हैरान करने वाला मामला सामने आया, जहां एक महिला प्रिंसिपल ने स्कूल मर्जर के नाम पर बच्चों के रोने का फेक वीडियो बनवाया. शुरू में तो ये सबको सच लगा, लेकिन जब इसकी गहनता से जांच की गई तो पता चला कि प्रिंसिपल ने ही बच्चों को रोने के लिए विवश किया था, ताकि स्कूल के कथित मर्जर का विरोध किया जा सके. फिलहाल, प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे को सस्पेंड कर दिया गया है. आइए जानते हैं पूरा मामला...

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आपको बता दें कि महराजगंज जिले में सोची समझी साजिश के तहत छात्रों के रोने का वीडियो वायरल करने के आरोप में जिला प्रसाशन ने प्राथमिक विद्यालय रुद्रपुर भलुही में तैनात प्रिंसिपल कुसुमलता पांडेय को निलंबित कर दिया है. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है. 

दरअसल, बीते सोमवार को परतावल क्षेत्र के रुद्रपुर भलुही स्थित प्राथमिक विद्यालय के बाहर मासूम बच्चों के रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में बच्चे स्कूल गेट के बाहर प्रिंसिपल से लिपटकर रोते हुए नजर आ रहे थे. वीडियो में बच्चे बार-बार यह कहते हुए दिख रहे थे- 'मैम, प्लीज गेट खोल दीजिए, हमें यहीं पढ़ना है.' 

डीएम ने दिए जांच के आदेश 

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी संतोष शर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय से तत्काल जांच कर आख्या प्रेषित करने का निर्देश दिया. जिसके बाद जिला प्रसाशन ने मामले की जांच कराई. जांच में यह बाते सामने आई कि वीडियो पूरी तरह प्रायोजित था और विद्यालय की प्रिंसिपल के द्वारा बच्चों को बरगलाते हुए उनके रोने का वीडियो बनाकर वायरल कर प्रशासन की छवि को धूमिल किया गया. जबकि, विद्यालय को समय से खोला ही नहीं गया था. 

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जांच के बाद एक्शन 

जांच के बाद संबंधित विद्यालय की प्रिंसिपल कुसुमलता पांडेय को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही परतावल विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी मुसाफिर सिंह पटेल को स्कूलों के सुपरवाईजरी व मॉनिटरिंग कार्य में शिथिलता को लेकर प्रतिकूल प्रविष्टि जारी किया गया है. 

वहीं, वीडियो वायरल होने और जांच के बाद हुए एक्शन को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी एक आदेश चर्चा में है. जिसपर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि जब 26 और 30 तारीख को जारी हुए आदेश में विद्यालय को विलय करने की बात लिखी गई तो अधिकारी अब इसे क्यो झुठला रहे हैं. क्योंकि, जिला प्रसाशन द्वारा 4 जुलाई को जारी एक पत्र में कहा गया है कि परतावल क्षेत्र के रुद्रपुर भलुही विद्यालय के विलय वाले आदेश को निरस्त किया जाता है. 

बीएसए के जांच में मिली ये कमियां

फिलहाल, बीएसए की जांच में वायरल वीडियो पूरी तरह प्रायोजित पाया गया है. गांव के मुखिया और अन्य ग्रामीणों द्वारा भी प्रिंसिपल की कार्यशैली को लेकर गंभीर शिकायतें की गईं. जांच में पाया गया कि प्रभारी प्रिंसिपल द्वारा विद्यालय में छात्र नामांकन को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिस कारण कुल नामांकन मात्र 32 ही पाया गया. साथ ही विद्यालय मद में विभाग द्वारा प्रेषित कई चीजें उपलब्ध नहीं मिलीं. 

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