क्यों आई सिक्किम में ऐसी बाढ़... दो साल बाद फिर तबाही की बारिश

सिक्किम के छातेन में 1 जून 2025 को भूस्खलन से सैन्य शिविर प्रभावित हुआ है. तीन लोग मारे गए हैं. छह सुरक्षाकर्मी लापता हैं. भारी बारिश ने तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ा दिया. जलवायु परिवर्तन, हिमनद झीलों का फटना और अनियंत्रित निर्माण इसके कारण हैं. 2023 में भी बाढ़ से 50+ लोग मरे. बचाव कार्य जारी है, 1200-1500 पर्यटक फंसे हैं.

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सिक्किम में एक रास्ते में पड़े बड़े-बड़े बोल्डर हटाते बचावकर्मी . (फोटोः PTI) सिक्किम में एक रास्ते में पड़े बड़े-बड़े बोल्डर हटाते बचावकर्मी . (फोटोः PTI)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST

सिक्किम में हाल ही में भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है. 1 जून 2025 को मंगन जिले के छातेन में भूस्खलन से एक सैन्य शिविर प्रभावित हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. छह सुरक्षाकर्मी लापता हैं. तीस्ता नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है. 6 सुरक्षाकर्मी लापता हैं. बचाव दल मुश्किल परिस्थितियों में उनकी तलाश कर रहे हैं.

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सिक्किम में मौसम की स्थिति

  • भारी बारिश: सिक्किम, खासकर मंगन जिले में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने और भारी बारिश की चेतावनी दी है.
  • तीस्ता नदी का जलस्तर: बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है.
  • पर्यटकों की स्थिति: मंगन, लाचेन और लाचुंग में सड़कें बंद होने से 1200-1500 पर्यटक फंस गए हैं. एक पर्यटक की मौत हो गई. आठ लापता हैं.

सिक्किम में बार-बार बाढ़ और भूस्खलन के कई कारण हैं...

जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं. इससे हिमनद झीलों का जलस्तर बढ़ रहा है, जो भारी बारिश या भूस्खलन से टूट सकती हैं.

ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF): सिक्किम में 300 से अधिक हिमनद झीलें हैं, जिनमें से 10 खतरनाक हैं. भारी बारिश या हिमस्खलन से ये झीलें टूट सकती हैं, जिससे बाढ़ आती है.

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अनियंत्रित निर्माण: हिमालय में अनियंत्रित निर्माण और प्रदूषण ने पहाड़ियों को कमजोर किया है, जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है.

भूस्खलन और नदी अवरोध: भारी बारिश से पहाड़ियों पर मिट्टी और चट्टानें ढह सकती हैं, जो नदियों को अवरुद्ध कर सकती हैं. यह अवरोध ऊपर की ओर बाढ़ का कारण बनता है. अगर अवरोध टूटे, तो अचानक बाढ़ आ सकती है.  

मौसम की चरम स्थिति: जलवायु परिवर्तन के कारण भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं. 

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सिक्किम में पिछले कुछ वर्षों में कई प्राकृतिक आपदाएं आई हैं...

  • अक्टूबर 2023: साउथ ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आई. चुंगथांग बांध टूट गया, 14 लोग मरे, 102 लापता हुए (22 सैनिकों सहित) और 22000 लोग प्रभावित हुए. 11 पुल और 277 घर नष्ट हो गए.
  • जून 2024: मंगन और लाचुंग में भारी बारिश और भूस्खलन से 1,200 से अधिक पर्यटक फंस गए। सड़कें बह गईं, और जनजीवन प्रभावित हुआ।
  • मई 2025: उत्तरी सिक्किम में भूस्खलन से सड़कें बंद हुईं. कई पर्यटक फंस गए. सांगकलां और फिडोंग के बीच सड़क संपर्क टूट गया.

राहत और बचाव कार्य

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सिक्किम प्रशासन, पुलिस और सीमा सड़क संगठन (BRO) फंसे पर्यटकों और लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. 26 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 2080 लोग रह रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने रंगपो में हेल्प डेस्क खोला है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सही समय पर चेतावनी प्रणाली होती, तो नुकसान कम हो सकता था. 

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