अमेरिका से डिजिटली हैदराबाद में प्रकट हुए पण्डित जसराज

बेहद खूबसूरत एम्फीथिएटर यानी मुक्ताकाश मंच पर 20 फुट लंबे और दस फुट ऊंचे एलईडी स्क्रीन पर पण्डित जसराज ने अमेरिका से लाइव प्रस्तुति दी. ये पहला मौका था जब पण्डित जी पिछले 45 वर्षों में इस दिन यहां इलेक्ट्रोनिकली उपस्थित रहे.

Advertisement
पण्ड‍ित जसराज का लाइव कंसर्न (वीड‍ियो स्क्रीनशॅट) पण्ड‍ित जसराज का लाइव कंसर्न (वीड‍ियो स्क्रीनशॅट)

संजय शर्मा / श्याम सुंदर गोयल

  • ,
  • 01 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:31 AM IST

पहली बार सात समंदर पार से कोई संगीतकार अपने चहेते शहर और चाहने वालों के बीच डिजिटली प्रकट हुआ. एकदम ऐसे सहज जैसे सामने ही बैठे गा रहे हों. अपने पिता संगीत रत्न पण्डित मोतीराम जी की पुण्यतिथि के अवसर 30 नवम्बर को हर साल हैदराबाद में रहने वाले पण्डित जसराज इस बार अमेरिका में हैं. लेकिन अपने बचपन के साथी शहर हैदराबाद को उन्होंने ये कहने का मौका नहीं दिया कि हमको बिसार कहां चले सलोने सैयां...

Advertisement

हैदराबाद में सेंटर फॉर कल्चर रिसोर्सेज एन्ड ट्रेनिंग यानी CCRT के बेहद खूबसूरत एम्फीथिएटर यानी मुक्ताकाश मंच पर 20 फुट लंबे और दस फुट ऊंचे एलईडी स्क्रीन पर पण्डित जसराज ने अमेरिका से लाइव प्रस्तुति दी. ये पहला मौका था जब पण्डित जी पिछले 45 वर्षों में इस दिन यहां इलेक्ट्रोनिकली उपस्थित रहे.

पण्डित जसराज जी की पुत्री और कार्यक्रम की आयोजक आर्ट एंड आर्टिस्ट्स की एमडी दुर्गा जसराज के मुताबिक, सिर्फ सुधी श्रोता ही पण्डित जी को देख सुन सके ऐसा नहीं है बल्कि पण्डित जी अमेरिका में लाइव प्रस्तुति देते हुए अपने संगीत रसिकों के चेहरे पर संगीत के प्रभाव भी देख सके.

पंडित जसराज जी के पिता मोतीराम जी हैदराबाद के निज़ाम के राजगायक थे. संगीत रत्न मोतीराम का निधन 30 नवम्बर की दोपहर हो गया था. जसराज पिछले 46 साल से उनकी याद में तीन दिनों का संगीत समारोह करते आ रहे हैं. देश-विदेश के दिग्गज संगीतकार इसमें हिस्सा ले चुके हैं. 30 नवंबर को पण्डित जी ने खुद इसमें प्रस्तुति दी .

Advertisement

पण्डित जी इस बार भी गा रहे हैं पर आधुनिक तकनीक के ज़रिए. तकनीक के साथ चलने वाले पण्डित जसराज जी का कहना भी है कि समय और ज़माने के साथ ताल मिलाने से जीवन का संगीत सही समझ में आता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement