ओजोन के कारण दिल्ली-NCR में बढ़ रहा प्रदूषण, 4 साल में 118 दिन के संकट का ये है कारण

लोकसभा में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 2016 से लेकर 31 मई 2019 तक दिल्ली राजधानी क्षेत्र में ओजोन प्रदूषण का बड़ा कारण बना है. अकेले दिल्ली में 2016 से 31 मई 2019 तक चार साल के दौरान 118 दिन तक ओजोन की वजह से प्रदूषण बढ़ा रहा. इसकी वजह से दिल्ली का प्रदूषण स्तर खतरनाक हुआ और लोगों में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ने लगीं. 

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दिल्ली राजधानी क्षेत्र में सांस लेना दुश्वार.(फोटो-रायटर्स) दिल्ली राजधानी क्षेत्र में सांस लेना दुश्वार.(फोटो-रायटर्स)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

सभी को पता है कि ओजोन हमें हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणों (UV Rays) से बचाती है लेकिन अगर यह जमीन से नजदीक हो तो यह बेहद खतरनाक होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) में ओजोन की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं. 2016 से 31 मई 2019 तक दिल्ली राजधानी क्षेत्र में ओजोन प्रदूषण का बड़ा कारण बना है. इसकी वजह से लोगों को फेफड़ों से संबंधित बीमारियां, आंखों और सीने में जलन और खांसी की दिक्कतें हो रही हैं. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि 2016 से लेकर 31 मई 2019 तक दिल्ली राजधानी क्षेत्र में ओजोन प्रदूषण का बड़ा कारण बना है.

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प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अकेले दिल्ली में 2016 से 31 मई 2019 तक चार साल में 118 दिन तक ओजोन की वजह से प्रदूषण बढ़ता रहा. पृथ्वी पर 10 से 50 किमी की ऊंचाई तक ओजोन परत है. यह हमें अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाती है, लेकिन यह 10 किमी की ऊंचाई से नीचे अत्यधिक मात्रा में बनने लगे तो समझ लीजिए खतरे की घंटी बज रही है. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन और बोस्टन की हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में ओजोन की वजह से देश में 146,320 लोगों की मौत हुई थी.

जानिए... 4 साल में Delhi-NCR के किस इलाके में कितने दिन ओजोन रहा प्रदूषण का कारण

इलाका          2016    2017    2018    2019    कुल दिन

दिल्ली            36         14        45        23       118

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फरीदाबाद     03         00        08        55       66

गुरुग्राम         43          00        05        06       54

नोएडा           00          33        16        00       49

गाजियाबाद    00          00        08        03       11

पिछले साल भी दिल्ली-NCR में बढ़ा था ओज़ोन प्रदूषण

पिछले साल सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के घनी आबादी वाले इलाके जैसे पटपड़गंज, आरके पुरम, नेहरूनगर, नजफगढ़ और सोनिया विहार के औद्योगिक व निम्न आय वाले लोगों की आबादी वाले इलाकों में ओज़ोन से होनो वाले प्रदूषण की स्थिति सबसे खतरनाक मिली थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो ओजोन बनाने में मदद करने वाली गैस नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2) के उत्सर्जन के मामले में पूरी दुनिया में दिल्ली तीसरे स्थान पर है.

ओज़ोन क्या है?

ओजोन (Ozone) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी है. इसे O3 कहते है. यह बेहद प्रतिक्रियाशील गैस है, इसकी मात्रा मौसम को भी प्रभावित करती है. यह पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग पाई जाती है.

आसमान की ओजोन, जमीन पर आती कैसे है?

जब विभिन्न प्रकार के उद्योगों और वाहनों से निकलने वाली गैस सूर्य की रोशनी के संपर्क में आती हैं, तो ये धुएं (ओजोन) में बदल जाती है. यानी जब जब उद्योगों से निकलने वाला नाइट्रस ऑक्साइड और वाहनों, रासायनिक संयंत्रों, रिफाइनरियों आदि से निकलने वाल हाइड्रोकार्बन यानी VOC सूर्य की किरणों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं तो ओजोन बनती है. इन्हीं सबकी वजह से वातावरण और पृथ्वी का तापमान बढ़ता है.

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अच्छी ओजोन v/s बुरी ओज़ोन

अच्छी ओजोन यानी पृथ्वी के ऊपर 10 से 50 किमी की ऊंचाई तक

अच्छी ओजोन पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में स्वाभाविक रूप से होती है. इसे स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन भी कहते हैं. यह हमारे लिए सुरक्षात्मक ढाल का काम करती है. हमें सूर्य के हानिकारक यूवी विकिरण से बचाती है.

बुरी ओजोन यानी पृथ्वी के ऊपर 10 किमी की ऊंचाई तक

यह जमीनी स्तर पर पाई जाने वाली गैस है इसे ट्रोपोस्फेरिक ओजोन कहते हैं. यह नाइट्रोजन ऑक्साइड और अस्थिर कार्बनिक यौगिकों (volatile organic compounds,VOC) की रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बनती है.

देश में वायु प्रदूषण से हर साल 12 लाख लोगों की मौत

वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण पर बात करें तो अकेले दूषित हवा के कारण भारत में एक साल में करीब 12 लाख लोग मौत की आगोश में चले गए थे. स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण से मौत का आंकड़ा स्वास्थ्य संबंधी कारणों से होने वाली मौत को लेकर तीसरा सबसे खतरनाक कारण है.

10 में से 7 भारतीय शहर सबसे प्रदूषित

मार्च में एयर विजुअल और ग्रीनपीस की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 7 शहर भारत के हैं. जिसमें दिल्ली से सटे गुरुग्राम को सबसे प्रदूषित शहर के रूप में आंका गया. गुरुग्राम के अलावा 3 अन्य शहर और पाकिस्तान का फैसलाबाद शीर्ष 5 प्रदूषित शहरों में शामिल है. गुरुग्राम के बाद गाजियाबाद, फैसलाबाद (पाकिस्तान), फरीदाबाद, भिवानी, नोएडा, पटना, होटन (चीन), लखनऊ और लाहौर का नंबर आता है.

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